मॉरीशस में बिहार की लोकगायिका नीतू नवगीत को मिला विश्व हिंदी सम्मान

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Bharat Varta Desk : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका और लेखिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत को मॉरीशस की हिंदी प्रचारिणी सभा द्वारा विश्व हिंदी प्रतिष्ठापक सम्मान प्रदान किया गया। मॉरीशस के महात्मा गांधी संस्थान की निदेशक विद्योतमा कुंजल ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया । सम्मान समारोह में हिंदी प्रचारिणी सभा मॉरीशस के अध्यक्ष डॉ. यंतु देव बुद्धू, डॉ. माधुरी रामधारी, डॉ. अलका धनपत, डॉ. राजरानी गोविन, डॉ. लक्ष्मी झमन, डॉ. सरिता बुद्धु, डॉ. अंजलि चिंतामणि, साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थान, मुंबई के सचिव प्रो. प्रदीप सिंह और अध्यक्ष डॉक्टर बनवारीलाल जाजोदिया यथार्थ सहित हिंदी के अनेक लब्ध प्रतिष्ठित विद्वान उपस्थित रहे। मॉरीशस से भारत वापस आने के बाद डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने बताया कि साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था मुंबई के सदस्य के रूप में श्री राम कथा का विश्व संदर्भ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में उन्होंने लोकगीतों और लोक कथाओं में भगवान राम और माता सीता का जीवन विषय पर विश्व हिंदी सचिवालय में आलेख की प्रस्तुति की। इसके अलावा मॉरीशस के रामायण सेंटर, हिंदी प्रचारिणी सभा और पुरोहित संघ द्वारा आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में बिहार की माटी की खुशबू से लबरेज लोक गीतों की प्रस्तुति दी। उन्होंने देखकर रामजी को जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई, जुग जुग जिया तू ललनवा, सिया धिया सुकुमारी, राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द पहुना लोगवा देत काहे गारी, मिथिला नगरिया निहाल सखिया चारो दूल्हा में बड़का कमाल सखिया, राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुवर आयो जी, बता द पहुना मिथिले में रहू जवने सुखवा ससुरारी में तब ने सुखवा कहीं ना, धना धना भाग अयोध्या, सखी फूल लोर्ढै चलु फुलवरिया सीता के संग सहेलियां, शबरी प्रसंग रहिया निहारे रही कुटिया में सबरी श्री राम जी आएंगे, चित्रकूट के घाट घाट पर तुलसी देखे बाट राम मेरे आएंगे, मन में है विश्वास एक दिन पूरी होगी आस राम मेरे आएंगे, सीता के चढ़ेला हरदिया मनभावन लागे और कुछ खास सहित अनेक लोक गीतों की प्रस्तुति मॉरीशस के विभिन्न मंचों पर दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. शिरीन कुरैशी ने किया।

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