सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के अनुसार नगर निकाय चुनाव कराने के लिए सरकार ने आनन-फानन में बनाया अति पिछड़ा आयोग, नवीन आर्य को अध्यक्ष बनाया

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Bharat varta desk: पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने की शर्त पर बिहार में नगर निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट के आदेश को मानने के वादे के साथ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। आज सुनवाई के पहले आनन-फानन में इसके लिए अति पिछड़ा आयोग का गठन भी सरकार ने कर लिया जिसमें जनता दल यू के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन आर्य को अध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद को सदस्य बनाया गया है। दो अन्य सदस्यों में ज्ञान चंद पटेल और तार केशर ठाकुर को शामिल किया गया है।
याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।


सरकार ने आनन-फानन में अति पिछड़ा आयोग का गठन इसलिए किया ताकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ट्रिपल टेस्ट कराया जा सके यानी कि यह पता किया जा सके कि किस जाति को पर्याप्त राजनीतिक अधिकार नहीं मिल रहा है। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर रखा है कि स्थानीय निकाय चुनाव में तभी पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है जब सरकार ट्रिपल टेस्ट कराये यानि सरकार ये पता लगाये कि किस वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
पटना हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर रोक इसीलिए लगाया था कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन किए बगैर चुनाव करा रही थी। अब दिसंबर में नगर निकाय चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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