सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए भारतीय कला-संस्कृति पर IAS डॉ. मनीष रंजन ने लिखी नई पुस्तक
Bharat Varta Desk : सिविल सेवा / राज्य सिविल सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए 2002 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. मनीष रंजन ने “भारतीय कला एवं संस्कृति” पर पुस्तक लिखी है। “भारतीय कला एवम संस्कृति” विषय पर रिसर्च ओरिएंटेड इस पुस्तक को तैयार करने में उन्हें 5 वर्ष से अधिक समय लगा। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को ध्यान में रखकर ही भारतीय प्रशासनिक सेवा 2002 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी डॉ मनीष रंजन के द्वारा इसकी रचना की गई है।
बता दें कि डॉ मनीष रंजन झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव के पद पर पदस्थापित हैं। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नेतरहाट विद्यालय से ली है। डॉ रंजन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले, अमेरिका से पब्लिक अफेयर में मास्टर डिग्री अर्जित की है।
पुस्तक में भारतीय कला, भारतीय संस्कृति एवं भारतीय विरासत नामक तीन खंडों में विभाजित करते हुए प्रत्येक खंड की तार्किक दृष्टिकोण से विभिन्न अध्यायों में विवेचना की गई है। इसमें भारतीय कला संस्कृति एवं विरासत के विविध स्वरूपों तथा चित्रकला एवं हस्तशिल्प वास्तुशिल्प नाट्य नृत्य संगीत मूर्ति एवं स्थापत्य कला अभिलेख शिलालेख पर्व त्यौहार के बारे में विस्तार से जिक्र है। यूनेस्को द्वारा घोषित विरासत स्थल, भाषा, साहित्य शिक्षा,धर्म एवं दर्शन इत्यादि ऐसे ही अनेक विषयों को उनके उद्भव काल से लेकर अब तक के ऐतिहासिक विकास क्रम में नवीनतम शोधों से प्राप्त प्रमाणित एवं अद्यतन आंकड़ों के साथ-साथ नए स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। वस्तुनिष्ठ प्रश्न, तालिका और सारांश भी पुस्तक की अपनी विशिष्टता है। इसी कारण प्रतियोगी छात्र छात्राओं के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी है। यह पुस्तक बाजार में उपलब्ध है। पुस्तक की कीमत ₹650 है। प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली ने इसे प्रकाशित किया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व, डॉ मनीष रंजन द्वारा लिखित सीसैट एवं एनसीईआरटी समरी पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के बीच काफी लोकप्रिय रही है।