महागठबंधन को झटका, नहीं मिला कोई उम्मीदवार, सुशील मोदी का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय

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पटना। राज्यसभा उपचुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। सुशील मोदी ने बुधवार को ही अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया है। आज नामांकन की अंतिम तिथि है। अंतिम समय में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद ने यह निर्णय लिया है कि राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। अंतिम समय तक महागठबंधन को कोई उम्मीदवार नहीं मिल पाया। यह महागठबंधन के रणनीतिकारों और मुख्य रूप से राजद नेता तेजस्वी यादव के लिए एक झटका भी माना जा सकता है।

तेजस्वी और उनके रणनीतिकारों के लिए भी बड़ा झटका

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एनडीए के उम्मीदवार की घोषणा के बाद यह बयान दिया था कि महागठबंधन के उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी को चुनौती देंगे। जाहिर है यह सभी जानते हैं कि राजद प्रवक्ता वही बोलते हैं जो तेजस्वी यादव चाहते हैं। या यूं कहें कि तेजस्वी यादव उसी रणनीति पर चलते हैं जो मनोज झा बताते हैं। ऐसे में यह तेजस्वी यादव और उनके रणनीतिकारों के लिए भी बड़ा झटका माना जा सकता है

राजद ने पहले लोजपा के संस्थापक स्व. रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान पर दांव खेलने की कोशिश की, लेकिन लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान संभावित हार तय मानकर और राजद के मंसूबों को भांपकर अपनी मां रीना पासवान को उम्मीदवार बनाने से इंकार कर दिया। बाद में दलित कार्ड खेलने के लिए पूर्व मंत्री श्याम रजक को उम्मीदवार बनाने की बात हुई, लेकिन श्याम रजक भी तैयार नहीं हुए। अब्दुल बारी सिद्दीकी के नाम की भी चर्चा हुई, लेकिन वे भी तैयार नहीं हुए। ऐसी चर्चा है कि सिद्दीकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं और जदयू में शामिल हो सकते हैं। जब पार्टी के नेताओं ने उम्मीदवार बनने से इंकार किया तब किसी उम्मीदवार बनाने के लिए किसी धनसेठ की खोज शुरू हुई। लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली। संभावित हार तय मान कर किसी भी धनसेठ ने दांव लगाना उचित नहीं समझा। अंतिम समय मे कांग्रेस को उम्मीदवार देने को कहा गया। लेकिन कांग्रेस के भी नेता उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिए। कोई भी नेता हार का सर्टिफिकेट लेने को तैयार नहीं हुए। इस तरह सुशील कुमार मोदी का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय हो गया।

अब राजद के नेताओं ओर से यह दलील दी जा रही है कि बिहार सुशील कुमार मोदी से मुक्ति चाहता है और महागठबंधन इस मुक्ति की राह में रोड़ा नहीं बनना चाहता है। इसलिए उम्मीदवार नहीं देने का निर्णय लिया गया है।

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