बंगाल और झारखंड के भ्रष्टाचारियों पर कसा ईडी का शिकंजा, अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने पर दूसरी बारे में मिला 28 करोड़ और 5 किलो सोना
Bharat varta desk: झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल के भ्रष्टाचारियों पर ईडी का लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। झारखंड में जहां मुख्यमंत्री के करीबी ईडी के निशाने पर है वहीं पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने पर दूसरी बार ईडी ने छापेमारी की तो 28 करोड़ से ज्यादा नोट मिले और 5 किलो सोना मिला है।
बंगाल में घपले और घोटाले की बात नई नहीं है मगर किसी मंत्री के करीबी के यहां या यूं कहें कि मंत्री के यहां छापेमारी में इतनी बड़ी राशि पहली बार मिली है।
अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट में बुधवार को छापेमारी की गई।अर्पिता का यह दूसरा घर कोलकाता के बेलघरिया टाउन क्लब में है। इससे पहले अर्पिता मुखर्जी के एक घर से लगभग 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी। अब 28.90 करोड़ कैश और 5 किलो सोना मिला है। ईडी की इस कार्रवाई से पूरे बंगाल में हड़कंप मचा हुआ है। भ्रष्टाचारियों में दहशत है।
हेमंत के करीबी की जहाज जप्त
उधड़ झारखंड में अवैध पत्थर खनन और परिवहन तथा टेंडर घोटाले मामले में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद अब उनके प्रेस सलाहकार पिंटू श्रीवास्तव को ईडी ने 1 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है। बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने साहिबगंज में करीब ₹30 करोड़ की लागत वाला उस पानी जहाज को जप्त कर लिया है जिसके जरिए अवैध खनन से निकाले गए पत्थर को मनमाने ढंग से गंगा पार भेजा जाता था। पानी जहाज की फेरी सेवा का ठेका और जहाज दाहू यादव का बताया जा रहा है जिस पर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार ईडी ने उसे दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था मगर जानकारी के अनुसार वह ईडी के सामने प्रस्तुत नहीं हुआ और फरार हो गया है। ईडी ने बुधवार को दो और नए मामले दर्ज किए हैं जिसमें अवैध खनन से जुड़े कई लोगों को नोटिस देकर बुलाया गया है। ईडी ने अपनी जांच में कई स्थानों पर अवैध उत्खनन के सबूत पाए हैं। इस कार्रवाई में अवैध खनन से जुड़े और कई नए लोगों के फंसने की संभावना है। जिले के कई बड़े अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत बताई जा रही है। लोगों को उम्मीद है कि ईडी जल्द ही ऐसे अधिकारियों को भी कार्रवाई की जद में लेगी क्योंकि ऐसे अधिकारियों की पनाहगाह में राजमहल की पहाड़ी पर अवैध पत्थर खनन का खेल सालों से चल रहा है ।
अवैध खनन की जांच के लिए स्थल निरीक्षण कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम यह देखकर भौंचक है कि किस तरह अफसरों और पत्थर माफिया ने मिलकर राजमहल की पहाड़ी की हरियाली को बर्बाद किया है।