पूर्वांचल का कुख्यात जेल में लिख रहा किताब
“गन से मन की ओर” पुस्तक लिख रहा
नईदिल्ली: पूर्वांचल का कुख्यात अपराधी चंदन सिंह जेल के अंदर ‘गन से मन की ओर’ नाम की किताब लिख रहा है। हालांकि इसे लिखने की प्रेरणा उसे गौतमबुद्ध नगर के जेल अधीक्षक से मिली थी। कभी जिसके हाथों में गन के खौफ से हर कोई सहमा रहता था जल्दी ही उनके हाथों में इसकी लिखी किताब होगी। नोएडा जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा बताते हैं कि दो साल पहले जब चंदन जेल में आया था तो उस समय उसकी जेल से भागने से लेकर अन्य अपराधों की चर्चा आम थी। सुनने पर लगा कि आखिर इतना कुख्यात अपराधी कौन है, चलकर मिला जाए। उससे पहली मुलाकात में ही अपराध के जीवन के उसके अच्छे-बुरे कारनामों की कहानियां सुनी। इसके बाद उससे उसकी जीवनी को कागज में उतारने के लिए कहा। इसके बाद से ही चंदन ने शांत मन से इसे स्वीकार कर लिया। किताब लिखने की बात से उसके मन में बेचैनी थी। क्या लिखें, कैसे लिखें? जब उसे बताया कि आखिर उसका अपराध में आना कैसे हुआ, अपराधी जीवन में आकर क्या पाया, क्या खोया? खुद सोचे। इसके बाद ही उसने अपनी आपराधिक जीवनी को लिखने का प्रण किया। उसकी किताब का नाम अभी फिलहाल ‘गन से मन की ओर’ है। किताब अभी पूरी नहीं लिखी जा सकी है। जल्दी ही उसे पूरा कर लिया जाएगा।
कौन हैं चंदन सिंह
गोरखपुर चिलुआताल थाने के कुसहरा गांव का देवकी नंदन सिंह 14 साल में कुख्यात चंदन सिंह अपराधी बन गया। 2006 के मामूली विवाद में एक हत्या में नाम आने के बाद चर्चा में आया था। जेल से छूटने के बाद हत्या, रंगदारी, लूटपाट, जैसे अपराध उसके शौक बन गए थे। जेल से अंदर से ही कई बार रंगदारी मांगने की शिकायत भी आई थी।
चंदन पर भी दर्ज हैं 60 आपराधिक मुकदमे
गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद चंदन पर 60 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। इससे इसके अपराध के प्रति उसकी संलिप्तता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गुजरात से हुई थी गिरफ्तारी
चंदन की 2017 में गुजरात से यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तारी की थी। इसके बाद अलग-अलग जेलों से होकर नोएडा जेल लाया गया था। जेलर सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि चंदन यूपी की 24 जेलों की यात्रा के बाद नोएडा जेल आया है। दो बार अलग-अलग जेल से भाग चुका है।