पीएम मोदी बोले-गीता प्रेस ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करती है, शिवपुराण के नए अंक का विमोचन

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Bharat varta desk:

आज गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती है. गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है. गीता प्रेस एक तरह से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करती है.

गीता प्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लीला चित्र मंदिर में चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया, वहीं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया. इस मौके पर पीएम ने गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित शिवपुराण की विशिष्ट अंक का विमोचन किया. पीएम ने कहा कि संतो के आशीर्वाद से ऐसे सुखद अवसर का मौका मिलता है. विरासत और विकास का एक अनोखा संयोग है गीता प्रेस. गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों- करोड़ लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है. गीता प्रेस संतो और महापुरुषो की तपोस्थली रहा है. जहां गीता होती है वहां साक्षात श्री कृष्ण विराजमान होते हैं.


प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया कि महात्मा गांधी ने कहा था कि कल्याण पत्रिका को बिना विज्ञापन के निकालना है। आज भी यह पत्रिका बिना विज्ञापन के निकल रही है। उन्होंने कहा कि छपाई से भी कम दर पर गीता प्रेस ने धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कर जन-जन तक पहुंचाने का ऐतिहासिक काम किया है।
प्रधानमंत्री गीता प्रेस के बाद गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे और गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस और जोधपुर-अहमदाबाद (साबरमती) वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उसके बाद वे अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचे जहां शनिवार तक रहेंगे और 12000 करोड़ से अधिक की योजनाओं का उद्घाटन -शिलान्यास करेंगे।

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