Bharat Varta desk:
कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया,नई दिल्ली में आयुष्मान न्यास के तत्वावधान में महर्षि अरविंद के 150वें जयंती के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन-2023 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूरे देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लियाI कार्यक्रम की शुरुआत में अरविन्दो आश्रम के बच्चों द्वारा भजन- संगीत गायन से किया गय।
उदघाटन सत्र की शुरुआत में राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन के संयोजक डॉ. बिपिन कुमार ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान परिदृश्य में आयुष की महत्ता के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2022-23 मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
तनाव से बचें
ज्वार,बाजरा,रागी का आयुर्वेद में बेहद महत्व रहा है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राज्य सभा सांसद श्री रामचंद्र जांगड़ा ने की । उन्होंने योग को विज्ञान की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि महँगी एलोपैथी के कारण लोग आज योग की तरफ आकर्षित हुए हैं। उन्होंने छात्रों के बीच बढ़ रहे तनाव के प्रति चिंता प्रकट की और बताया कि योग से उनकी समस्या से लड़ा जा सकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं लोक वितरण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री शांतमनु जी ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क विभाग प्रभारी श्री चंद्र वाधवा , बिहार-झारखंड सम्पर्क विभाग प्रमुख श्री अनिल ठाकुर ,एसपीएमसीएएल के निदेशक श्री एस.के.सिन्हा, पीएफसी के निदेशक श्री आर.आर.,झा उपस्थित रहे और अपने विचार रखे।
प्रथम सत्र में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के डॉ एस. सी. मनचंदा एवं ऐम्स के वरिष्ठ कम्युनिटी मेडिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार रॉय तथा प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ बिश्वरूप रॉय चौधरी ने आयुर्वेद के समकालीन महत्व को रेखांकित किया।
विश्वरूप राय चौधरी ने कैंसर को लेकर किया सतर्क
डॉ बिश्वरूप रॉय चौधरी ने अपने अंदाज में कैंसर के प्रति उपस्थित श्रोताओं को आगाह किया और बताया कि कैंसर सेल्स हमारे शरीर में पहले से ही विद्यमान हैं; गलत जीवन शैली की वजह से ये सेल्स शरीर को रोगी बना देते हैं।
भारतीय योग संस्थान के श्री देशराज ने उपस्थित श्रोताओं को योग का महत्व बताते हुए प्राणायाम के बारे में भी बताया । इसी सत्र में ऑल इंडिया इंस्टीच्युट के प्रोफेसर संतोष भाटेड एवं डॉ रामलखन मीना ने मिलेट्स के महत्व पर बात की। उन्होंने जीवन शैली में मिलेट्स को शामिल करने की वकालत की ।प्रख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पूजा दीवान ने गर्भवती महिलाओं के लिए एलोपैथी की अपेक्षा आयुर्वेद को ज्यादा कारगर एवं उपयोगी बताया। पहले दिन के अंतिम सत्र अरविन्दो आश्रम,दिल्ली के प्रतिनिधि में डॉ अपर्णा रॉय ने श्री अरविंद के योग दर्शन के व्यवहारिक पक्ष को प्रस्तुत किया। दूसरे दिन के कार्यक्रम में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल,आचार्य मनीष,आयुर्वेदाचार्य डॉ अखिलेश शर्मा के विचारों से हुई।
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