कल कुत्ते को खिलाएं गुड़, काल भैरव की बरसेगी कृपा दूर हो जाएंगे सारे कष्ट

0

काल भैरव जयंती विशेष: 7 दिसंबर को काल भैरव की जयंती है. इसे काल भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. काल भैरव को भगवान शंकर का रौद्र रूप माना जाता है. उन्हें भगवान शंकर का द्वारपाल भी कहा जाता है. बाबा विश्वनाथ जी को काल भैरव की पूजा के बगैर भगवान शंकर की पूजा अधूरी मानी जाती है.

देश के जाने-माने वैदिक तंत्रगुरु शैलेश तिवारी बताते हैं कि देश के सारे ज्योतिर्लिंग में काल भैरव विद्यमान है. आमतौर पर भगवान शंकर के हर मंदिर में काल भैरव की मूर्ति प्रतिष्ठित की जाती है. भगवान विश्वनाथ जी को काशी का राजा कहा जाता है जबकि भैरव जी को वहां का कोतवाल.

सारे कष्टों से निजात
वैदिक तंत्रगुरु तिवारी कहते हैं कि काल भैरव की पूजा से शनि, राहू और केतु – तीनों प्रकार के ग्रहों के दुष्प्रभाव खत्म होते हैं. सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से भैरव जी निजात दिलाते हैं.

क्यों मनाई जाती है जयंती
मार्गशीष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था. इसी कारण से इस दिन को काल भैरव अष्टमी और काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है.

काल भैरव को तंत्र का देवता भी माना जाता है. इसी कारण से इस दिन काल भैरव की पूजा से भूत, प्रेत और ऊपरी बाधाएं दूर होती है. साधक काल भैरव की पूजा कर सिद्धियां भी हासिल करते हैं..

अचार्य शैलेश तिवारी ने बताया भैरव जी को ऐसे करें खुश:

• गुरुवार को कुत्ते को गुड़ खिलाएं, काले कुत्ते को रोटी खिलाने का भी बहुत महत्व है.

• रेलवे, बस स्टेशन या अन्य आधुनिक जगहों पर जाकर किसी विकलांग, असहाय को कंबल दान करें.

• सवा किलो जलेबी बुधवार के दिन भैरव नाथ को चढ़ाकर कुत्तों को खिलाएं.

• शनिवार को सरसों तेल में पापड़, पकौड़े, पुए और दूसरे खाने-पीने के की चीजें बनाए और रविवार को गरीब बस्ती में लोगों को खिलाएं.

• रविवार या शुक्रवार को भैरव मं‍दिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं.

• पांच नींबू, पांच गुरुवार तक भैरव जी को चढ़ाएं.

• सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ाएं.

यह भी जानें:

  1. काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए भैरवाअष्टक का पाठ करें.
  2. काल भैरव की पूजा करने वाले को अकाल मृत्यु नहीं होती.
  3. कोई शत्रु परास्त नहीं कर पाता है.
  4. बड़ा से बड़ा रोग दूर हो जाता है.

About Post Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x