अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के 90वें मिथिला कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर
Bharat Varta Desk : अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के 90वें मिथिला कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर, सिझुअ लक्ष्मीपुर प्रखंड कुर्साकांटा अररिया जिला में मिथिला राज्य निर्माण के लिए चर्चा में पूर्णिया, कोशी दरभंगा तिरहुत मूंगैर भागलपुर प्रमंडल की साथ ही झारखंड से संथाल परगना प्रमंडल की मांग की गई।
मिथिला राज्य संसाधन से भरा हुआ है जहां कृषि और इसपर आधारित उद्योगों की अपरिमित संभावना है। धार्मिक पर्यटन भी काफी हो सकता है कारण यहां नृसिंह अवतार पूर्णिया में हुआ ।आदिकुम्मस्थली सिमरिया घाट,बाबा बैद्यनाथ धाम,गजग्राह स्थली सोनपुर, पुनौराधाम सीतामढ़ी, बाल्मीकि आश्रम, को नेपाल के जनकपुर से जोड़ने वाली मिथिला सर्किट तमिलनाडु के समान ही महत्वपूर्ण है।
संध्या के सत्र में समाजिक समरसता पर चर्चा हुई । मिथिला की सभी त्योहार में समाज के हर वर्ग का भाग होता है। मुस्लिम तजिया पर हिन्दू जलेबी चढ़ाते हैं और दूर्गा महान मेले में मुस्लिम भी भाग लेते हैं।
फारबिसगंज की सुल्तानी मात तो हिन्दू लड़की यज्ञकुंड में गिर मरने के बाद सुल्तान ने उसे माता का दर्जा दिया और मजार बनाया जिससे वह विवाह करना चाहता था पर उस लड़की के कहने पर पोखर खुदाई और यज्ञ भी करवाया था। भारत में ऐसी हिन्दू मुस्लिम एकता का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है।
वाराणसी के मेडिसिन के प्रोफेसर डा धनाकर ठाकुर ने स्वस्थ रहने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन कर व्यायाम, संतुलित भोजन, साफसफाई पर ध्यान दैने कहा।
अध्यात्म में गीता पर भी चर्चा हुई ।
मिथिला के इतिहास में निमि- मिथि प्रसंग,57 जनकों के बाद पहले गणतंत्र की भूमि मिथिला में PSKOK राजवंश यानी पालवंश,सेनवंश, कर्णाट वंश, ओइनवार वंश,खंडवला वंश के बारे में बताया गया।