
रेटिना के हर प्रकार की बीमारी का हो रहा इलाज
गरीब मरीजों को दी जा रही विशेष रियायत
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : महावीर नेत्रालय में पिछले दो वर्षों में रेटिना की 600 से ज्यादा सर्जरी की जा चुकी है। इनमें रेटिना उखड़ने, रेटिना से खून आने, रेटिना में सूजन, रेटिना में छेद, कैटेरेक्ट कम्प्लीकेशन आदि के ऑपरेशन शामिल हैं। महावीर नेत्रालय के रेटिना सर्जन डाॅ संतोष कुमार ने बताया कि अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों और डाॅक्टरों की टीम की बदौलत रेटिना से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को ऑपरेशन और इन्जेक्शन के जरिए ठीक किया जा रहा है। पहले बिहार के बाहर देश के बड़े अस्पतालों में रेटिना की सर्जरी के लिए मरीजों को जाना पड़ता था। अब यह बाध्यता नहीं रही। डाॅ संतोष कुमार ने बताया कि महावीर नेत्रालय में रेटिनल डिटैचमेंट, विट्रियस हैमरेज, डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैकुलर होल, कैटेरेक्ट कम्प्लिकेशन, इंडोफ्थेलमाइटिस सहित रेटिना से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।
50 बच्चों को अंधापन से बचाया
महावीर नेत्रालय में प्री मेच्योर यानी समय से पहले जन्म लेने वाले और कम वजन के बच्चों को आरओपी यानि रेटिनोपैथी ऑफ प्री मेच्योरिटी की जांच एवं इलाज कर अंधापन से बचाया जा रहा है। विगत दो वर्षों में ऐसे 50 बच्चों को लेजर ट्रीटमेंट के जरिए समय रहते अंधापन से बचा लिया गया। डाॅ संतोष कुमार ने बताया कि प्री मेच्योर बच्चों को जन्म के दो सप्ताह से चार सप्ताह के भीतर आंख की जांच आवश्यक है। ऐसे बच्चों के आंखों के वेसेल्स पूरी तरह तैयार नहीं होते। उनसे नुकसानदेह रसायन निकलते हैं। इसे समय रहते लेजर ट्रीटमेंट कर ठीक किया जा रहा है। डाॅ संतोष ने बताया कि 15 प्रतिशत प्री मेच्योर शिशुओं को ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। समय पर जन्म लेने वाले ऐसे बच्चे जो इन्फेक्शन आदि के कारण ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर पर चले जाते हैं उन्हें भी आरओपी स्क्रीनिंग एवं ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है। इस ट्रीटमेंट में लेजर सेकाई के जरिए रेटिना उखड़ने या ब्लीडिंग होने आदि खतरे से बचाया जा सकता है। डाॅ संतोष ने बताया कि आईवीएफ और अन्य तकनीक से जन्म लेनेवाले बच्चों की भी आरओपी जांच आवश्यक है। वे सामान्य तौर पर कम वजन के और कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं।
रेटिना के गरीब मरीजों को हरसंभव मदद
महावीर नेत्रालय के निदेशक डाॅ यू सी माथुर ने बताया कि रेटिना के गरीब मरीजों को हरसंभव मदद दी जा रही है। इलाज के खर्च में अधिकतम छूट के अलावा जरूरत पड़ने पर दवाएं भी मुहैया करायी जा रही हैं। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर के निर्देश पर गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बगैर इलाज के अस्पताल से नहीं लौटाने के संकल्प को हर हाल में पूरा किया जा रहा है।
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