आरसीपी के बेहद करीबी रिंकू ने लिखा – कुंठित मस्तिष्क के सर अध्यक्ष पद का सेहरा

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Bharat Varta Desk : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन न होने पर जदयू में सियासी हलचल बढ़ती नजर आ रही है। पहले शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इशारों ही इशारों में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर निशाना साधा। अब आरसीपी सिंह के समर्थक ललन सिंह के खिलाफ लिख रहे हैं। आरसीपी सिंह के बेहद करीबी रिंकू कुमारी ने फेसबुक पर ललन सिंह के खिलाफ लंबा पोस्ट लिखा है। रिंकू कुमारी आरसीपी सिंह के इस्पात मंत्रालय के तथत हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य भी नियुक्त की गई हैं। उन्हें आरसीपी सिंह का बेहद करीबी माना जाता है।

रिंकू कुमारी का फेसबुक पोस्ट :

#कुंठित_मस्तिष्क_के_सर_अध्यक्ष_पद_का_सेहरा

ललन सिंह जी की छटपटाहट और बेचैनी की वजह क्या है ? यही न कि श्री #RCP SINGH जी निष्ठा और समर्पण के बलबूते राजनीति के उस मुकाम तक पहुँच गए जहां ललन सिंह उछल कूद मचाकर भी नहीं पहुँच पाए l
जरा याद कीजिये 2010 के राजनीतिक दौर को l ललन सिंह जी ने एक भले मानुस ( #श्री_नीतीश_कुमार जी ) के लिए क्या क्या नहीं कहा l अपने जातीय दम्भ में आकर क्या क्या धमकी नहीं दिया ! नीतीश जी के लिए होमियोपैथी डोज से लेकर आंत में दांत जैसे वाहियात शब्दों का प्रयोग किया था l इतना सब करने के बाद भी जब कोई राजनीतिक ठौर नहीं मिला तो #श्री_नीतीश जी ही सहारा बने l आज फिर वही दम्भ #RCPSINGH जी पर निकालने लगे l लगता है 2010 का भूत ललन सिंह का फिर से जाग गया है l फर्क सिर्फ इतना है तब ललन सिंह जी के निशाने पर नीतीश जी थे अब #RCP बाबू हैं l

जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह जी ने माननीय कैबिनेट मंत्री श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह जी पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर अपनी 2010 वाली कुंठा को ही व्यक्त किया है l किसी के सिर पर ठीकरा फोड़कर वाहवाही लूट लेना एक कमज़ोर नेता की सबसे बड़ी हार है l दोषारोपण कर अपनी नाकामी को ही छिपाना है l दरअसल जिनके पास कोई वोट बैंक नहीं होता उनकी राजनीतिक शैली दोषारोपण करनेवाली तथा दूसरे के सिर ठीकरा फ़ोड़नेवाली ही होती है l

जदयू एक सामाजिक सरोकारों वाली पार्टी है l सामाजिक न्याय इसका प्रमुख मिशन है l RCP SINGH जी ने अपने छोटे से अध्यक्षीय कार्यकाल में सभी का दिल जीत लिया था l अत्यंत पिछड़ा ….. युवा … महिला … सवर्ण …. अल्पसंख्यक सभी को महत्व देकर पार्टी को उस मुकाम पर ले गए थे जहाँ आनेवाले समय में किसी वैशाखी की जरूरत नहीं पड़ती l राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन कर पार्टी की पहुंच हर तबके तक ले जाना था l लगातार कार्यक्रम के माध्यम से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते रहना था l

आज कोई पूछे कि ललन सिंह जी की अध्यक्ष के रूप में उपलब्धि क्या है ? तो रिजल्ट जीरो नज़र आएगा l प्रकोष्ठों को भंग नहीं भनडोल करना …प्रभारी हटाना .. जिलाअध्यक्ष हटाना ..यही राजनीतिक कार्यक्रम रह गया l उनकी पूरी ऊर्जा पार्टी को मजबूत करने पर नहीं बल्कि अपनी कुंठा निकलने और #RCPSINGH जी को कमजोर करने पर जाया हो रही है l

मीडिया के सामने जातीय जनगणना की बात उछलना है लेकिन अपनी राष्ट्रीय कमिटी में उसको भागीदारी न देना ललन सिंह जी की अनोखी राजनीतिक शैली है l उनसे पूछा जाना चाहिए कि आपने अपने राष्ट्रीय टीम में कितने महिलाओं, दलितों , अत्यंत पिछड़ों , युवाओं को भागीदारी दिया है ?

आपने एक ऐसे सजातीय व्यक्ति को प्रधान सचिव बनाया है जिनका बेटा UP में BJP की सदस्यता ग्रहण कर चुका है l ऐसे व्यक्ति को बगल में बिठाकर प्रेस कांफ्रेंस करते समय आपको लज़्ज़ा नहीं आयी ? लज़्ज़ा आती भी क्यों? मामला जो स्वजातीय है l

ललन सिंह जी आपसे विनती है …प्रार्थना है …गुजारिश है कि अपने अध्यक्ष पद को कुंठा निकालने का जरिया न बनाय l बेवजह किसी समर्पित नेता पर वाहियात टिप्पणी न करें l यह पार्टी लहिया , जयप्रकाश, कर्पूरी , जॉर्ज के विचारों के बल पर यहाँ पहुंची है l इसके मिशन में बाधक पुरुष न बनें l

#डॉ_रिंकु_कुमारी
सहायक प्रोफेसर ,दिल्ली विश्वविद्यालय

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