
उद्यमी बनकर रोजगार दें: समीर कुमार महासेठ
अरवल, भारत वार्ता संवाददाता : हमें रोजगार मांगने वाला से रोजगार देने वाला बनना है। उद्यमिता के माध्यम से हम सैकड़ों लोगों को रोजगार दे सकते हैं। आगे बढ़ते बिहार में उद्योगों की विशिष्ट भूमिका होगी। बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने जिला स्तरीय उद्यमी सम्मेलन सह प्रदर्शन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि हम पूरे बिहार में उद्योग लगाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 15,000 से अधिक लोगों को सहायता की पहली किस्त दी जा चुकी है। पहले किस्त का उपादेयता प्रमाण पत्र जमा करने वाले लोगों को दूसरी किस्त भी जल्द ही दी जाएगी। अरवल इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उद्योग मंत्री बनने के बाद उन्होंने उद्योग विभाग की सारी योजनाओं की समीक्षा की है और सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए उद्योगपतियों को नए-नए उद्योग लगाने में मदद करें। बिहार राज्य में जितने अधिक उद्योग लगेंगे, युवाओं को उतना ज्यादा रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसी दूसरे राज्य में जाकर नौकरी करने से कई गुना बेहतर अपने प्रदेश में स्वरोजगार स्थापित करते हुए कई दूसरे लोगों को काम पर लगाना है। उद्योगों से उद्योग लगाने वाले की तरक्की तो होती ही है, राज्य का भी तेज विकास होता है। जिस प्रदेश में जितना ज्यादा उद्योग लगता है वह प्रदेश उतना ज्यादा विकसित होता है। हम अगले कुछ सालों में बिहार को औद्योगिक दृष्टि से दस सबसे अधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसमें सब का सहयोग चाहिए। उद्योगपति,व्यापारी, बैंक और सरकार मिलकर काम करेंगे तो उद्योग के क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। सबके साथ समन्वय स्थापित करके हम काम कर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में नए-नए उद्योग लगाने की अपार संभावना मौजूद है। उद्योग मंत्री अरवल में उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष तौर पर पहल करें। इस अवसर पर उद्योग विभाग के खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से नए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना तथा पुरानी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जा रही है जो ₹10 लाख तक का है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को तकनीकी सुविधा और ब्रांडिंग के लिए भी सरकारी स्तर पर मदद दी जा रही है। पीएमएफएमई स्कीम के तहत है, समूह में काम करने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कलस्टर की स्थापना के लिए भी आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण इकाई को लगाने के लिए इच्छुक लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। अरवल की जिलाधिकारी जे प्रियदर्शनी ने कहा कि अरवल में खाद्य प्रसंस्करण सहित चूड़ी लहठी और चर्म उद्योगों के विकास की उम्मीद है। सम्मेलन के बाद उद्योग मंत्री ने बैंकों के साथ समीक्षात्मक बैठक की और उन्हें निर्देश दिया कि पीएमईजीपी और पीएमएफएमई के तहत लक्ष्य के अनुसार अरवल जिला में ऋण का वितरण करें। अरवल के विधायक महानंद प्रसाद ने अरवल जिला में अधिक संख्या में उद्योग लगाने की मांग की। उद्योग मंत्री और जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी में लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया।
Bharat varta Desk बिहार के जाने-माने सर्जन डॉक्टर मृत्युंजय कुमार को कोलकाता में सम्मानित किया… Read More
Bharat varta Desk सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 18 दिसंबर 2025 को हुई बैठक में उड़ीसा… Read More
Bharat Varta Desk : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज स्थित पैतृक गांव कोटवा में… Read More
पटना : अपराध अनुसंधान को वैज्ञानिक और तेज़ बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने… Read More
पटना : सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में भोजपुरी… Read More
Bharat varta Desk भाजपा बिहार में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा और रणनीतिक बदलाव करते हुए… Read More