
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के लिए बुधवार को रिकार्ड संख्या में 11,72,179 नमूनों की जांच की गई और अब तक कुल 4,55,09,380 जांच की जा चुकी है। साथ ही, विश्व में प्रतिदिन सर्वाधिक जांच करने वाले देशों में भारत भी शामिल है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस सप्ताह में हमने साढ़े चार करोड़ से ज्यादा टेस्ट कर लिए हैं। दुनिया में एक ही देश है जिसने हमसे ज्यादा टेस्ट किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि अधिक संख्या में जांच किए जाने के परिणामस्वरूप संक्रमण की पुष्टि होने की दर कम हुई है। उन्होंने कहा कि देश में 30 जनवरी को महज 10 जांच किए जाने से लेकर अब प्रतिदिन जांच का औसत 11 लाख से अधिक हो गया है। यह देश में प्रतिदिन कोविड-19 की जांच बढ़ने को प्रदर्शित करता है। बड़े पैमाने पर जांच किए जाने से संक्रमण का समय रहते पता चला और इससे संक्रमित मरीजों को क्वारंटीन करने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने में मदद मिली। भारत में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर आज की तारीख में घट कर 1.75 प्रतिशत हो गई है, जबकि इस रोग से उबरने का राष्ट्रीय औसत 77.09 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के अभी 8,15,538 एक्टिव मरीज हैं, कुल मामलों का तकरीबन 21.16 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि देश भर में जांच प्रयोगशालाओं के तेज विस्तार के चलते भी जांच बढ़ी है। भारत में आज की तारीख में 1,623 प्रयोगशालाएं (लैब) हैं, जिनमें 1,022 सरकारी हैं जबकि 601 निजी क्षेत्र के हैं। आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में संक्रमण के रिकॉर्ड 83,883 मामले मामले सामने आने के बाद देश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 38,53,406 हो गए, जबकि एक दिन में 1,043 मरीजों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़ कर 67,376 हो गई। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश के 5 राज्य ऐसे हैं जिनमें 62 फीसदी एक्टिव केस हैं। इनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। अधिक जनसंख्या की वजह से केसेस बढ़ना जारी है लेकिन सप्ताह दर सप्ताह एक्टिव केसेस में गिरावट हो रही है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में 70 फीसदी कोरोना से डेथ हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। दिल्ली में अचानक एक्टिव केसेस और डेथ की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली सरकार के साथ बैठक कर उन्हें कुछ दिशानिर्देश दिए हैं उस पर यदि वो काम करते हैं तो निश्चित तौर पर केसेस में जो बढ़ोतरी हो रही है उसकी संख्या पर काबू पाया जा सकता है।
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