वेतन आभाव में बीमार शिक्षक की मृत्यु, एसटी कमीशन से कार्रवाई की मांग

0

पटना से ऋषिकेश नारायण।
औरंगाबाद जिलांतर्गत कन्या इंटर विद्यालय, दाऊदनगर के अनुसूचित जनजाति के शिक्षक पेत्रुस तिर्की की मृत्यु मामले में दाऊदनगर प्रखंड के अरई गांव निवासी रजनीश कुमार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को पत्र लिख जांच व कार्रवाई की मांग की है। पेत्रुस तिर्की बीमार थे और वेतन आभाव में उनका इलाज नहीं हो सका था। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सहायक निदेशक को लिखे पत्र के माध्यम से उन्होंने मृत्यु के मामले का बिंदुवार जांच की मांग की है। इस बाबत उन्होंने पूर्व में भी आयोग को पत्र लिखा था, जिस सन्दर्भ में आयोग द्वारा बिहार के शिक्षा विभाग को शिक्षक के बंद वेतन के मामले का जांच करने का निर्देश जारी किया था।
रजनीश कुमार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि शिक्षक पेत्रुस तिर्की की असमय मृत्यु 24 अप्रैल 2020 को पैसे के बिना भूख और दवाई के अभाव के कारण हुई है इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है। असली जाँच का विषय यह है कि आखिर जनवरी 2020 के वेतन का भुगतान उनकी मृत्यु के बाद 29 अप्रैल 2020 को और फरवरी 2020 के वेतन का भुगतान 12 मई 2020 को किन परिस्थितियों में इतने देर से की गई? यह भुगतान सही समय पर क्यों नहीं हुआ? जाँच का विषय यह भी है कि आखिर नियमित वेतन-भुगतान रोक कर किन परिस्थितियों में वरीय विभागीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना कर एरियर का भुगतान बुलेट ट्रेन की गति से की जाती रही? इसकी जिम्मेवारी तय कर साजिशन वेतन रोकने के दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।
रजनीश कुमार ने आयोग से मांग की है कि सभी तथ्यों का बिंदुवार गहन जांच कर दोषी अधिकारी को चिह्नित कर उनपर सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। यह अनुसूचित जनजाति के एक बीमार शिक्षक का साजिशन वेतन बंद कर मरने को मजबूर करने का मामला है।

About Post Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x