लखनऊ : सीआरपीएफ ने मनाया संविधान दिवस
लखनऊ, भारत वार्ता संवाददाता : भारत सरकार के आदेशों के अनुपालन में सीआरपीएफ मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए लखनऊ स्थित मध्य सेक्टर, सीआरपीएफ कार्यालय के प्रांगण में 24 नवम्बर को सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक की अध्यक्षता में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के दौरान राजपत्रित अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी तथा अन्य रैंक के कार्मिक एवं जवानों ने भाग लिया।
संविधान दिवस समारोह में उपस्थित सभी राजपत्रित अधिकारियों, अराजपत्रित एंव जवानों ने भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। समारोह की अध्यक्षता कर रहे सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक गणतंत्र देश है। भारत के पहले राष्ट्रपति देशरल डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया तथा 2 वर्ष 11 माह 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किए गए भारत के संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत एवं आत्मार्पित किया गया। इसी उपलक्ष्य पर भारत सरकार द्वारा पहली बार 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया तथा तभी से प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। सुनील कुमार ने आज के दिन पढ़ी जाने वाली प्रस्तावना की विशेषता के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती हैं और इसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता सुनिश्चित करना और राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए बंधुत्व को बढ़ावा देना है। हमारे संविधान ने ब्रिटेन, आयरलैंड, जापान, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया और कनाडा से भी उनके संविधान के अच्छे गुणों को अपने अंदर समाहित किया है। भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार के अधिनियम, 1935 पर आधारित है तथा संविधान की मूल हस्तलिखित प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में संरक्षित हैं। इस प्रकार हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ तथा भारत एक गणराज्य बना। इस अवसर पर उन्होंने सभी को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं।
सुनील कुमार ने अपने सबोधन के दौरान सभी से अपील किया कि संविधान एवं देश की सुरक्षा के लिए हमें सर्वदा तत्पर रहना है और मातृभूमि की रक्षा के लिए हमें अपना-सर्वस्व न्योछावर करनें के लिए भी तैयार रहना है।