
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : कुशल कामगारों की संख्या देश में सबसे अधिक बिहार मेें है। ये कामगार हमारी ताकत हैं। इन कामगारों को हम मजदूर से मालिक बनाने की चाहत रखते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी यही चाहत है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव हर हाथ को रोजगार देना चाहते हैं। प्रतिदिन रोजी-रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की चिंता में लगे रहते हैं। ये बातें बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कही। वह मुख्यमंत्री उद्यमी योजना 2023 के 1745 लाभुकों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत प्रथम किस्त के रूप में 69.80 करोड़ रुपये की राशि वितरित करने के बाद लाभुकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यमिता की राह कठिन होती है। जो लोग 10 लाख रूपये से अपना व्यवसाय चालू कर रहे हैं उनके लिए लाभ के रूप में पहला लाख कमाने में हो सकता है छः माह से एक साल तक का समय लग जाए। लेकिन जब एक बार उद्योग चल निकलेगा तो आप सभी उद्यमी हर महीने लाख से दस लाख रूपये कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को उपभोक्ता मार्केट से उद्यमिता वाला राज्य बनाना है। राज्य सरकार आधारभूत संरचना के विकास में लगी हुई है। बियाडा क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं में वृ़िद्ध की जा रही है। समीर कुमार महासेठ ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुक बिचैलियों से बचें। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने के लिए हर सूचना पोर्टल पर दी जा रही है और उद्यमियों से भी हर आवेदन को पोर्टल के माध्यम से ही लिया जा रहा है। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ आगे बढ़ेगी तो उनके साथ पूरा समाज और परिवार आगे बढे़गा।
उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए 03 जनवरी 2023 को कम्प्यूटराइज्ड तरीके से लाभार्थियों का चयन किया गया, जिनमें 1745 लोगों को चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, ललित नारायण मिश्रा प्रशिक्षण संस्थान और सीपेट, हाजीपुर, सीपेट भागलपुर एवं उद्यमिता विकास संस्थान, पटना में उद्यमिता का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरान्त सभी को 4-4 लाख रूपये की प्रथम किस्त प्रदान की जा रही है।
इस तरह आज कुल 1745 लाभुकों को 69.80 करोड़ की राशि अंतरित की जा रही है। यह अंतरण लाभुक के फर्म के चालू खाते में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 152.85 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 फरवरी 2023 तक 1237.17 करोड़ की राशि वितरित की गई है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना है जो राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना और रोजगार के अवसरों में वृद्धि को समर्पित है। उद्योगों की स्थापना के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कोलेटरल सिक्यूरिटी और मार्जिन मनी के समस्या का निराकरण भी इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य है।
इस योजना के तहत् नए उद्योगों की स्थापना के लिए लाभुकों को प्रति इकाई 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है जिसमें 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में और 50 प्रतिशत राशि ऋण के रूप में होती है। चार योजनाओं में तीन योजनाओं- मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग योजना तथा मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत् स्वीकृत ऋण ब्याज मुक्त है। जबकि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत स्वीकृत ऋण पर 1 प्रतिशत के ब्याज का प्रावधान है।
योजना के अन्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं को राशि की विमुक्ति तीन चरणों में- 4 लाख, 4 लाख और 2 लाख रुपये में की जाती है। सभी चयनित उद्यमियों को उद्यमिता और कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यह बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की फ्लैगशिप योजना है जिसके क्रियान्वयन का दायित्व उद्योग विभाग के कंधो पर है। 2018 से 2021 के बीच मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत् 7098 लोगों को सहायता हेतु चयनित किया गया था, जबकि 2021-22 में 15986 लोगों को इस योजना के तहत् उद्योगों की स्थापना हेतु चयनित किया गया।
इस योजना के लाभ को समाज के सभी वर्गों तक पहुँचाने के लिए संकल्पित है। अब तक 14989 से अधिक नवचयनित उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए प्रथम किस्त की राशि स्वीकृृत की जा चुकी है। 12407 से अधिक उद्यमी को दूसरा किस्त भी प्राप्त कर चुके हैं। योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रथम और द्वितीय किस्त की उपयोगिता प्रमाण पत्र आॅनलाईन माध्यम से जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। कुछ असमाजिक लोग इस योजना के तहत् चयनित लाभुकों को गलत सूचना देकर दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। लाभुकों को अपना उद्योग लगाने पर ध्यान देना है और गलत लोगों से दूर रहना है। उद्यमिता की डगर आसान नहीं होती। बहुत मेहनत करना पड़ता है। तब अच्छा परिणाम निकलता है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7474 नये उद्यमियों का चयन किया गया। इस बार तीन अलग-अलग कैटेगरी में लाभुकों का चयन किया गया है। प्रथम कैटेगरी में 51 स्वीकृत परियोजनाओं के लिए 4780 लाभुकों का चयन हुआ है, जबकि द्वितीय कैटेगरी में वस्त्र, चर्म एवं खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र के लिए 1885 लाभुकों का चयन किया गया है। तृतीय कैटेगरी के तहत चयनित लाभुकों को बियाडा के प्लग एण्ड प्ले शेड में रियायती दर पर कार्य स्थल उपलब्ध कराने की भी योजना है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना बिहार के युवा वर्ग के लिए गेम चेन्जर है। बिहार के अलावा किसी भी अन्य राज्य में उद्यमिता प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर इस प्रकार की कोई योजना नहीं है। इस योजना के लाभुक पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करें और भविष्य के सफल उद्यमी एवं रोजगारदाता बनें।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना की लाभुक श्वेता कुमारी, कांति सिंह, मधु कुमारी और नूतन देवी को सांकेतिक चेक प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति योजना के लाभुक सरोज देवी, सन्नी कुमार और राहुल रौशन, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के लाभुक संजय कुमार और विजय कुमार तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (दिव्यांग संवर्ग) के लाभुक विवेक कुमार को भी उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ द्वारा सांकेतिक चेक प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में उद्योग निदेशक श्री पंकज दीक्षित, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशक श्री विवेक रंजन मैत्रेय, विशेष सचिव श्री आलोक कुमार एवं विशेष सचिव श्री दिलीप कुमार, उप निदेशक श्री नागेन्द्र शर्मा एवं रंजन कुमार सिन्हा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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