भागलपुर के रेशम भवन में लगाया गया खादी मेला, उद्योग मंत्री ने किया उद्घाटन
- भागलपुर के रेशम की है अंतरराष्ट्रीय पहचान : समीर कुमार महासेठ
- ग्लोबल मार्केट में मजबूत बनने के लिए लोकल को दे महत्व : समीर कुमार महासेठ
- खादी के कपड़े होते हैं आरामदायक और स्वास्थ्यवर्धक : समीर कुमार महासेठ
भागलपुर, भारत वार्ता संवाददाता : भागलपुर जीरो माइल के पास स्थित रेशम भवन में बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी मेला लगाया गया है जिसका उद्घाटन बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार तथा मुजफ्फरपुर के एडीएम महफूज आलम ने किया। उद्घाटन के बाद खादी मेला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि भागलपुर का रेशम उद्योग अंतरराष्ट्रीय पहचान रखता है। यहां का रेशम सऊदी अरब से लेकर अमेरिका तक जाता है। रेशम उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए हर प्रकार की मदद मिलेगी। रेशमी खादी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। खादी हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। महात्मा गांधी ने जब स्वदेशी का आंदोलन चलाया था तो घर-घर में चरखा चलाने का काम हुआ। घर-घर में कुटीर उद्योग प्रारंभ हुए। इससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। लोग स्वाबलंबी हुए। चरखा और खादी से जो ताकत मिली उसी ताकत के बल पर देश आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि ढाका का मलमल और भागलपुर का रेशम हर जगह जाना जाता है । प्रदेश के लाखों लोग रेशम, खादी और ग्रामोद्योग से रोजगार पाते हैं। खादी और कुटीर उद्योगों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। हमारी सरकार बिहार के हर युवा को रोजगार देने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हमने लगभग 29000 उद्यमियों को 2006 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की है। 10- ₹10 लाख रुपए की सहायता पाकर बिहार के युवा न सिर्फ अपने लिए रोजगार का इंतजाम कर रहे हैं बल्कि दर्जनों दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। उद्यमियों को मजबूती प्रदान करने के लिए कलस्टर योजना पर भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चार-चार लाख रुपए की राशि पहली किस्त के रूप में दी जाती है। जिन लोगों ने प्रथम किस्त का उपयोग कर लिया उन्हें दूसरा किस्त भी दे दिया गया है और दूसरे किस्त की उपयोगिता का प्रमाण पत्र देने वाले उद्यमियों को तीसरा किस्त भी दे दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत पिछले 8 महीनों में हजारों नए उद्योग खुल चुके हैं। हर उद्योग में 5 से 10 लोगों को रोजगार मिला है। हम चाहते हैं कि बिहार के युवा बिहार में ही काम करें। बिहार में ही उद्योग लगाएं और अपने गांव समाज के दूसरे लोगों को भी रोजगार दें। उद्योग विभाग की हर योजना का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा नए उद्योग स्थापित हों। भागलपुर जिला के युवा भी कमर कस लें। विभाग द्वारा उन्हें हर प्रकार की मदद दी जाएगी। खादी मेला और हैंडलूम मेला लगा कर उन्हें मार्केटिंग का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा खादी मॉल के माध्यम से मार्केटिंग में मदद दी जाएगी । उन्होंने युवा उद्यमियों से कहा कि उद्योग के लिए मिलने वाले ऋण को खैरात नहीं समझे। योजना चाहे जो भी हो, सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता का उपयोग नए उद्योगों की स्थापना और पुराने उद्योगों के विस्तार के लिए करें। भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने कहा कि भागलपुर के रेशम और खादी को और अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए । इससे ढेर सारे लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि समीर कुमार महासेठ बिहार के उद्योगों को आगे ले जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बोलते कम है लेकिन इनका काम दिखता है। भागलपुर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक प्रदीप कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला में उद्योगों की स्थापना के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार कोशिश हो रही है। सभी बैंकों को पीएमईजीपी और पीएमएफएमई जैसे कार्यक्रमों के तहत लक्ष्य के अनुसार ऋण स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है। जो बैंक लक्ष्य के अनुसार ऋण की स्वीकृति नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि प्रदेश की सभी खादी संस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड द्वारा सहायता दी जा रही है। भागलपुर का खादी मेला भी एक ऐसा प्रयास है जिसके माध्यम से खादी वस्त्र के उत्पादकों को बाजार मुहैया कराया जा रहा है। ऐसा मेला मोतिहारी, गया, कैमूर, पूर्णिया, सिवान, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और आरा में भी लगाया जा चुका है। कार्यक्रम मे, डॉ सलाउद्दीन एहसान, डॉ चक्रपाणि हिमांशु, अलीम अंसारी, चंद्रशेखर, विपिन कुमार, हसनैन अंसारी, संजय साह, मिथिलेश कुमार, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अभय कुमार सिंह, राजीव कुमार शर्मा, जिला खादी ग्राम उद्योग पदाधिकारी आदि भी मौजूद रहे।