Bharat varta desk:
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 115वीं जयंती पर विश्व हिंदी परिषद द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन सभागार में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रतिनिधि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र, मणिपुर की राज्यपाल अनसुइया उइके के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य, केंद्रीय लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री एस पी बघेल , फिजी, सूरीनाम, मारीशस, त्रिनिनाद टोबेगो के राजदूत तथा विशिष्ठ अतिथि ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी नागालँड के कुलाधिपति प्रो प्रियरंजन त्रिवेदी, प्रो विनय भारद्वाज, श्री दीपक ठाकुर,एन आइ ओ एस के अध्यक्ष प्रो सरोज शर्मा, आइ सी पी आर के सदस्य सचिव आचार्य सच्चिदानंद मिश्र, रामकृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद जी, अमेरिका प्रवासी परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश की साध्वी भगवती सरस्वती मौजूद थीं।
विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ विपिन कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी से दिनकर जी को “ भारत रत्न “ प्रदान करने की माँग की तथा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने हेतु विश्व हिंदी परिषद द्वारा एक मुहिम चलाने की घोषणा की। जिसका समर्थन सभागार में उपस्थित सभी सम्मेलन प्रतिनिधियों द्वारा किया गया ।
अपने उद्वोधन में डॉ विपिन कुमार ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
उनका काव्य अपने दौर में समाज के हर वर्ग की आवाज बना। जिससे एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण हुआ।स्वतंत्रता पूर्व उन्हें विद्रोही कवि और स्वतंत्रता के पश्चात उन्हें राष्ट्रकवि का दर्जा मिला। भारत सरकार द्वारा उन्हें द्वितीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया। साथ ही संस्कृति के चार अध्याय के लिए उन्हें साहित्य अकादमी तथा उर्वशी के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया। किंतु उन्हें वह सम्मान नही मिला जिसके वह वास्तविक हकदार थे।
। डॉ कुमार ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि बिहार के प्रमुख बुद्धिजीवियों का एक दल मेरे नेतृत्व में देश के गृह मंत्री अमित शाह से मिलेगा और अनुरोध करेगा कि दिनकर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
अमित शाह ने दिखाया हिंदी के प्रति सम्मान-डॉ विपिन
डॉ कुमार ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी ने दिनकर और हिंदी के प्रति जो सम्मान दिखाया है उससे हिंदी और दिनकर प्रेमी खासतौर से बिहार के लोग उनके आभारी हैं क्योंकि हमने दिनकर जी के कार्यक्रम में गृह मंत्री को आने का निमंत्रण दिया था। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम के प्रति काफी रुचि दिखाई। दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का का डिटेल मंगवा कर देखा। अति व्यस्तता के कारण हुए खुद इस कार्यक्रम में नहीं शामिल हो सके तो अपने प्रतिनिधि के रूप में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को भेजा।
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