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झारखंड में विश्वस्तरीय पर्यटन श्रृंखला- 8 गुप्त वृंदावन कन्हैया स्थान में श्री कृष्ण और राधारानी ने रचाया था रासलीला

चरण चिन्ह आज भी मौजूद, चैतन्य महाप्रभु को कृष्ण का हुआ था दर्शन

गौरव दुबे की विशेष रिपोर्ट

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों नेतरहाट दौरे में राज्य के पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद से राज्य सरकार का पर्यटन विभाग नई पर्यटन नीति तैयार करने में लगा हुआ है. झारखंड में कई ऐसे दर्शनीय स्थल हैं जहां पूरी दुनिया से लोग आते हैं. यहां पर्यटक सुविधाओं का विस्तार हो तो ऐसे स्थल विश्व पर्यटन के मानचित्र पर चमक सकते हैं. इनमें से एक अंतर्राष्ट्रीय महत्व का स्थल है साहिबगंज जिले का कन्हैया स्थान जहां हर साल बड़ी संख्या में विदेशी भक्त भगवान श्री कृष्ण और चैतन्य महाप्रभु की पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं मगर यहां आवागमन, खाने-पीने और अन्य सुविधाओं का भारी अकाल है. यदि यहां पर्यटक सुविधाओं की व्यवस्था हो तो दुनिया भर से आने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी. जानिए कन्हैया स्थल के बारे में- उत्तरवाहिनी मां गंगा तट पर जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कन्हैया स्थान. यह राजमहल अनुमंडल मुख्यालय से10 किलोमीटर पर है. कन्हैया स्थान कन्हाई नाटशाला के नाम से भी जाना जाता है. चैतन्य महाप्रभु ने चैतन्य चरणामृत में इस स्थान को गुप्त वृंदावन कहा है . नदिया से वृंदावन जाने के दौरान वे कन्हैया स्थान में ठहरे थे. यही नहीं यहां पर भगवान श्री कृष्ण का उन्हें दर्शन भी हुआ. राधारानी ने चैतन्य भगवतम में भी कन्हैया स्थान का उल्लेख मिलता है. धर्म ग्रंथ “श्रीश्री चैतन्य भगवान भगवतम” के अनुसार भगवान श्री कृष्ण राधारानी जी के साथ गुप्त मार्ग से कन्हैया स्थान पहुंचे व रास लीला रचाया था. लीला के उपरांत जब राधारानी व श्री कृष्ण अंतर्ध्यान हुए तो अपना पद चिन्ह उसी स्थान पर छोड़ दिया जो कन्हाई नाट्यशाला में आज भी मौजूद है.

इसका दर्शन करने कृष्ण भक्त भारत ही नहीं अपितु दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, जर्मनी, इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, नेपाल, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से पहुंचते हैं.कन्हैया स्थान मंदिर को 1995 से अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावना मित्र संघ, इस्कॉन द्वारा संचालित किया जा रहा है. आए दिन विदेशी सैलानी यहां पहुंचते हैं परंतु उनकी रात्रि विश्राम के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. वे रात में अपने क्रूज़ में ही ठहरते हैं.

Kumar Gaurav

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