कृषि मंत्री पत्रलेख बोले- सच्चे अर्थों में शिक्षक थे अनिरुद्ध मिश्र, निधन पर जताया शोक,रेलयात्री संघ ने बड़ी क्षति बताया

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Bharat Varta Desk : झारखंड के पाकुड़ जिला के महेशपुर के जाने-माने शिक्षक और समाजसेवी पंडित अनिरुद्ध प्रसाद मिश्र के निधन पर झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने शोक जताया है। वह 90 साल के थे। उनके बेटे पीके मिश्र दक्षिण पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक (एजीएम) के पद पर तैनात हैं जिन्होंने आसनसोल, मालदा और अलीपुरद्वार डिवीजन के डीआरएम के रूप में अपनी अपूर्व सेवा दी है। पंडित मिश्रा ने सात दशकों तक अपने ज्ञान और संस्कार से समाज को आलोकित किया है। महेशपुर के सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक और विद्वान शिक्षक के रूप में सेवा देने के अलावे अवकाश प्राप्ति के बाद भी उन्होंने समाज के वंचित बच्चों को अपने ज्ञान से अनुप्राणित किया। वे सच्चे अर्थों में शिक्षक थे। कमजोर और दलित समाज के, आदिवासी समाज के बीच भी उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ सेवा का कार्य किया।
केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने कहा कि पंडित मिश्र शिक्षा जगत के एक महत्वपूर्ण शख्सियत थे और सामाजिक क्षेत्र में भी उनकी बेहद पहचान थी। उनके निधन से सामाजिक और शिक्षा जगत को क्षति हुई है। विष्णु खेतान ने पंडित मिश्र के बेटे और रेल अधिकारी व अन्य शोक संतप्त परिवार के लोगों से मिलकर उन्हें संतावना दी।
जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्य और सामाजिक संस्था कौशल ज्योति के अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि सुदूर आदिवासी इलाकों में शिक्षा के प्रचार प्रसार में पंडित अनिरुद्ध मिश्रा ने कई काम किए। उनके बेटे पीके मिश्रा जी मालदा के डीआरएम के रूप में अपने उत्कृष्ट कार्यो के कारण बहुचर्चित हुए। वह कौशल्या ज्योति के पंचवटी लगाओ अभियान में भी शामिल हुए और पंचवटी के पौधों का रोपण किया था।

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