आर एस एस ने कहा- पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले भारत की गरीबी चिंताजनक
Bharat varta desk: जहां केंद्र की भाजपा सरकार भारत के दुनिया के पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होने का दावा कर उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है वहीं दूसरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में देश की गरीबी पर चिंता जताई है।
देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित स्वदेशी जागरण मंच के कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश में 20 करोड़ से अधिक लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे हैं। इतना ही नहीं देश के 23 करोड़ लोगों की दैनिक आय 375 रुपये से भी कम है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबी, बेरोजगारी दानव की तरह खड़े हैं। असमानता बढ़ रही है। देश के बड़े हिस्से को अब भी न तो स्वच्छ पानी मिलता है और न ही पौष्टिक भोजन। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है इस राक्षस का वध करें।
आर एस एस के नेता ने कहा कि देश में 4 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। एक और बड़ा मुद्दा बढ़ती आर्थिक असमानता है। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन क्या स्थिति अच्छी है? भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आबादी के पास देश की आय का पांचवां (20 फीसदी) हिस्सा है। साथ ही देश की 50 फीसदी आबादी के पास देश की आय का केवल 13 प्रतिशत है।