Bharat varta desk:
अंग्रेजों के दौर में बने तीन कानून अब खत्म हो गए हैं. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही इन तीनों बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल ने कानून का रूप ले लिया है.
इससे पहले इन तीनों बिलों को संसद के दोनों सदनों में पारित कर दिया गया था. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इन बिलों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि इन कानूनों से नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखा जाएगा और महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी.
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब ये तीनों बिल कानून बन गए हैं. इसके बाद 1860 में बनी आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता, 1898 में बनी सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा.
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