साहित्य संसार

‘पियवा गइले कलकतवा ए सजनी…’ लोकगायिका नीतू नवगीत के सुरों से सजा भिखारी ठाकुर जयंती समारोह

पटना : बहुमुखी प्रतिभा के धनी लोक कवि और नाटककार भिखारी ठाकुर की जयंती की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार और यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, बिहार चैप्टर द्वारा भिखारी ठाकुर का रचना-संसार विषय पर विचार गोष्ठी और भिखारी ठाकुर द्वारा रचित गीतों के गायन का शानदार कार्यक्रम यूथ हॉस्टल परिसर में आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि नाटक और संगीत की सभी विधाओं में भिखारी ठाकुर ने काम किया और लोक संस्कृति के विकास के लिए सदैव तत्पर रहे जिस कारण वह एक व्यक्ति से बढ़कर सांस्कृतिक संस्था के रूप में जाना जाने लगे। बिदेसिया, भाई विरोध, बेटी वियोग, विधवा विलाप, कलयुग प्रेम, राधेश्याम बहार, गंगा स्नान, पुत्र वध, गबरघिचोर, ननद-भौजाई आदि नाटकों में भिखारी ठाकुर ने मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक जागरण और प्रबोधन का लक्ष्य रखा। कार्यक्रम में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने भिखारी ठाकुर रचित अनेक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत नीतू कुमारी नवगीत ने भिखारी ठाकुर रचित कृष्ण भजन कब दर्शनवा देब नंदलाल से की। उसके बाद उन्होंने भिखारी ठाकुर के कई गीतों को गाकर श्रोताओं को झुमा दिया। हम ना जाईब गंगा के तीर, घर ही बाड़न श्री रघुवीर; पियवा गइले कलकतवा ए सजनी, गोड़वा में जूता नईखे न सिरबा पर छतवा, पियवा गइले कलकतवा ए सजनी, सखिया सावन बहुत सुहागन ना मनभावन आईलन मोर, सोहर गीत भीर भईल भारी हो भीर भईल भारी अंगनवा में भीर भईल भारी, जँतसारी बीतत बाटे आठ पहरिया हो डगरिया जोहत ना, बारहमासा गीत, बिदेसिया गीत कवने अवगुणबें पियवा, हमें बिसेरबलन पियवा पिया के मतिया बउराईल हो राम, विवाह गीत चलनी के चालल दूल्हा, सुप के झटकारल हो सहित अनेक गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कमलेश कुमार ने हारमोनियम पर, रवि मिश्रा रवीश ने तबला पर, अमरनाथ जयसवाल ने खंजरी पर और भोला कुमार ने नाल पर संगत किया। बांसुरी पर विष्णु थापा ने रंग जमाया ।

वरिष्ठ कथाकार शंभु पी सिंह ने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा सांस्कृतिक सम्मान भिखारी ठाकुर के नाम पर होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के क्षेत्रीय निदेशक और क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी प्रवीण मोहन सहाय ने भिखारी ठाकुर जी को महान कलाकार बताते हुए कहा कि उन्हें किसी एक भाषा की परिधि में नहीं बांधना चाहिए। वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि भिखारी ठाकुर जितने बड़े नाटककार थे, उतने ही बड़े सूत्रधार और जनगीतकार भी थे ।कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव, डॉ अंशु माला, यूथ हॉस्टल के प्रबंधक राम कुमार शर्मा, प्रसिद्ध शायर डॉ कासिम खुर्शीद, सामाजिक कार्यकर्ता सागरिका चौधरी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन यूथ हॉस्टल एसोसिएशन बिहार चैप्टर के अध्यक्ष मोहन कुमार ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मधुकर, साहित्यकार सिद्धेश्वर सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

Recent Posts

भाजपा की दूसरी सूची जारी, मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को भी टिकट

Bharatt varta Desk बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों की… Read More

3 hours ago

नहीं रहे ‘महाभारत’ टीवी सीरियल के ‘कर्ण’ पंकज धीर

Bharat varta Desk टीवी और बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता पंकज धीर अब इस दुनिया में… Read More

3 hours ago

सीबीआई ने एनएचआई के अधिकारी को 10 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार

Bharat varta Desk CBI ने नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) के कार्यकारी निदेशक और क्षेत्रीय… Read More

4 hours ago

जनता दल यू की पहली सूची जारी

Bharat varta Desk बिहार चुनाव को लेकर जेडीयू (JDU) उम्मीदवारों की पहली सूची सामने आ… Read More

7 hours ago

कल्याणपुर में मनेगी देश की अनोखी दिवाली, 11 लाख दीये जलेंगे, 200 ड्रोन उड़ेंगे

Bharat Varta Desk : बिहार के मुंगेर जिला का कल्याणपुर गांव अनोखे दुर्गा पूजा और… Read More

1 day ago