रांची संवाददाता: झारखंड विधानसभा में आगामी पंचम बजट सत्र सुचारु रूप से चले इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यहित से जुड़े मुद्दों पर सभी दलों के सदस्यों से सहयोग की अपील की।
सरकार जनहित के मुद्दों पर जवाब देगी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार का भी पूरा प्रयास है सदन बेहतर ढंग चले। विपक्ष की भी यही मंशा है,पूरे सदन का भी यही मंशा है कि सदन सुचारू रूप से चले। सीएम ने कहा कि कई सुझावों के साथ अध्यक्ष के पास बातों को रखा गया है। सभी सदस्यों का सम्मान रखते हुए अध्यक्ष निर्णय लेंगे। मुझे लगता है सदन बेहतर रूप से चलेगा। नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर सदन के बाधित होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बातें आएंगी उसका जवाब दिया जायेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधानसभा सदस्यों के बीच बैठक के बाद पत्रकारों से कही। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच मंत्रणा हुई। अध्यक्षीय कार्यालय कक्ष में विधानसभा के सदस्यों की बैठक आयोजित हुई। विधानसभा सचिवालय की ओर से लंबित प्रश्न और आश्वासनों की सूची जारी की गयी।
1530 आश्वासन लंबित
इस सूची के अनुसार, विधानसभा में अब तक 1530 आश्वासन लंबित है, जिस पर आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जवाब हर सवाल का होगा। यह सुनिश्चित विभागों से कराया जायेगा। किसी भी सवाल का सिर्फ जवाब देना ही नहीं, बल्कि सही तरीके से जवाब देना पदाधिकरियों की जिम्मेवारी है, सरकार की भी जिम्मेवारी है। हमलोग प्रयास करेंगे कि अब आश्वासनों की संख्या बढ़ेगी नहीं घटेगी।
विधानसभा अध्यक्ष बोले प्रतिपक्ष के नेता पर जल्द फैसला हो
वहीं स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि 1530 आश्वासन लंबित होना और उन आश्वासनों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना चिंता की बात है। बता दें कि विधायक अपने क्षेत्र की समस्या को प्रश्न के आलोक में सदन के नेता या प्रश्न से संबंधित विभागीय मंत्री को देते हैं। वहीं, सदन के नेता या संबंधित विभागीय मंत्री की ओर से उस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया जाता है। स्पीकर ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष के लिए दूसरा कोई नाम आता है तो उस पर विचार हो सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक इस पर निर्णय स्पीकर ही करते हैं। हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस भी दिया था, लेकिन संबंधित पक्ष हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए। मेरे न्यायाधिकरण में भी मामला चल रहा है। वैसे ही इस पर काफी देर हो चुकी है। मेरी इच्छा है कि जल्द इस पर निर्णय हो।
अब तक के लंबित प्रश्न ध्यानाकर्षण और शून्यकाल के आश्वासनों की सूची
लंबित अल्पसूचित प्रश्नों की संख्या 9
लंबित तारांकित प्रश्नों की संख्या 10
लंबित अतारांकित प्रश्नों की संख्या 74
ध्यानाकर्षण के अप्राप्त उत्तर 8
प्राप्त आवेदनों की संख्या 181
लंबित निवेदनों की संख्या 98
शून्यकाल की कुल प्राप्त प्रश्नों की संख्या 163
लंबित आश्वासनों की संख्या 1530
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