
पटना। सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार का वार्षिकोत्सव सह सम्मान समारोह सोमवार को पटना स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के पर्यटन तथा कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री अरुण शंकर प्रसाद, विधान पार्षद एवं जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ललन सर्राफ, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद कुमार एवं कोमल वर्णवाल तथा संस्था की सचिव डॉ. नीतू कुमारी नवगीत द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर किया। इस अवसर पर नवगीतिका शिखर सम्मान पद्मश्री बउवा देवी को प्रदान किया गया। साथ ही कला, साहित्य, संगीत, समाजसेवा, चिकित्सा, शिक्षा एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कई विशिष्ट व्यक्तित्वों को नवगीतिका सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में डॉ. दयानिधि, इंदिरा आईवीएफ, रवि मिश्रा (रंगकर्मी एवं निर्देशक), अनु ठाकुर (समाजसेवी), बच्चा जी सिंह (समाजसेवी), गोविन्द बल्लभ (शिक्षक एवं समाजसेवी), पंडित अर्जुन चौधरी (प्रसिद्ध नाल वादक), डॉ. ध्रुव कुमार (साहित्यकार), निगम नारायण (युवा पत्रकार), राजेश केशरी (लोकगायक), निहारिका अखौरी (लोक नृत्य), श्वेता सुरभि (उद्घोषिका) एवं अभिषेक रंजन (निर्देशक) शामिल रहे।
मुख्य अतिथि मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि बिहार की संस्कृति अत्यंत समृद्ध है और राज्य सरकार पर्यटन तथा कला-संस्कृति से जुड़े स्थलों के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने नवगीतिका लोक रसधार की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था लोक संस्कृति, लोकगीत और परंपराओं को जीवंत रखने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।
विधान पार्षद ललन सर्राफ ने कहा कि नवगीतिका लोक रसधार न केवल लोक परंपराओं के संरक्षण का कार्य कर रही है, बल्कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में भी प्रभावी भूमिका निभा रही है। यह संस्था बेटियों को आगे बढ़ने का मंच प्रदान कर उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद कुमार ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग से लेकर बिहार के लोक संगीत तक, राज्य की कला-संस्कृति की एक विशिष्ट पहचान है और ऐसे आयोजन उसे और सशक्त बनाते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नीतू नवगीत द्वारा गणेश वंदना “सुख करता, दुख हर्ता” से हुई। इसके बाद स्वागत गीत “स्वागतम शुभ स्वागतम, आनंद मंगल मंगलम” की प्रस्तुति दी गई, जिसे अन्नू कुमारी, रिया कुमारी, नंदनी कुमारी, खुशी मिश्र, सोनी खातून, तुलसी सोनी एवं रोशनी कुमारी ने प्रस्तुत किया। डॉ. नीतू नवगीत की पारंपरिक लोकगीत प्रस्तुतियों—पाजेब बलम जी, हमरा आम अमरइया, झिझिया, सोहर, झूमर—ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का प्रभावी मंच संचालन श्वेता सुरभि ने किया। लोकगायक राजेश केशरी ने “मंगल भवन अमंगल हारी” और “ओढ़नी के रंग पियर” जैसे गीतों से खूब तालियां बटोरीं। निहारिका अखौरी, सोनाली एवं अन्य कलाकारों ने बिहार गौरव गाथा, झिझिया, झूमर, कजरी सहित कई लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी। अंत में निहारिका अखौरी एवं राजेश केशरी ने संयुक्त रूप से धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में सैकड़ों दर्शक उपस्थित रहे और पूरे कार्यक्रम में उत्साह एवं सांस्कृतिक रंग देखने को मिला।
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