
गोपालगंज : थावे महोत्सव में सामयिक परिवेश के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। महोत्सव में सामयिक परिवेश की संस्थापक अध्यक्ष और साहित्यकार ममता मेहरोत्रा द्वारा लिखित गजलों को गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत और राजेश केसरी ने गाया। ममता मेहरोत्रा की गजलों में जीवन के अलग-अलग रंग दिखे-
आज भी खुश हूं बीते कल की तरह
फ़िक्र मेरी है गंगा जल की तरह
प्रेम का वास हो जहां ममता
प्रेम कुटिया भी है महल की तरह
खुशियों को ढूँढते रहते हैं जीवन में दुःख को पाले हम
रंगमंच है ये दुनिया सारी, क़िरदार निभाने वाले हम
नीतू नवगीत ने अयि गिरि नन्दिनी, पटना से पाजेब बलम जी, बाबा दिहले टिकवा, देवी माँ का पचरा सहित बिहार के अनेक पारंपरिक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। राजेश केसरी द्वारा ओढ़नी के रंग पियर, लाले लाले ओठवा से बरसे ललइया गीत गाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बैंजो पर अशोक कुमार, नाल पर मुकेश, पैड पर आदित्य और ऑर्गन पर पिंटू ने संगत किया। संस्था के अरुण कुमार मुन्ना और शिल्पा ने लोकगीतों पर भाव नृत्य किया। गोपालगंज के अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा ने कलाकारों को सम्मानित किया।
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