18-19 मार्च को नागपुर में होम्योपैथी के महामंच पर जुटेंगे मोहन भागवत सहित कई दिग्गज
Bharat Varta Desk : “कल्याणपुर वाले डॉक्टर साहब” ने होम्योपैथी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दी है। जी हां! यहां बात हो रही है बिहार के मुंगेर जिले के छोटे से गांव कल्याणपुर में जन्मे और पले-बढ़े प्रख्यात होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. नीतीश चंद्र दुबे की, जिन्होंने विगत 29 अगस्त 2022 को दुबई में संपन्न हुए वर्ल्ड हेल्थ समिट में बिहार से लेकर देश-दुनिया के नामचीन डॉक्टरों का मंच सजा कर होम्योपैथी का झंडा पूरी दुनिया में लहरा दिया था। अब इस साल एक बार फिर डॉ. दुबे की होम्योपैथी दवा कंपनी बर्नेट होम्योपैथी प्रा. ली. के प्रायोजत्व में 18 और 19 मार्च को ‘संतरा नगरी’ नागपुर में आयोजित हो रहे अखिल भारतीय होम्योपैथिक रिसर्च समिट (AIHRS) के माध्यम से होम्योपैथी का परचम लहराने वाला है। इस समिट का आयोजन होम्योपैथिक के विशेषज्ञों, शोधार्थियों व चिकित्सकों को एक मंच पर लाने के लिए किया जा रहा है ताकि वे एक दूसरे के साथ अपने विचार और शोध साझा कर सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को होम्योपैथी की उपयोगिता को प्रदर्शित करना भी है। दो दिनों तक कविवर्य सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम, रेशिमबाग, नागपुर में आयोजित इस समिट में होम्योपैथी के नए शोध पर होम्योपैथी विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में देशभर के होम्योपैथी विशेषज्ञों, चिकित्सकों व छात्रों को आमंत्रित किया गया है। इस समिट में होम्योपैथी के नामचीन विशेषज्ञों व चिकित्सकों को सम्मानित भी किया जाएगा।
मोहन भागवत सहित कई दिग्गज करेंगे शिरकत
सबसे बड़ी बात यह है कि बर्नेट होम्योपैथी प्रा. ली. के प्रायोजत्व में आयोजित हो रहे अखिल भारतीय होम्योपैथिक रिसर्च समिट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे सहित कई राजनेता इस समिट में शिरकत करने वाले हैं। सिनेमा जगत की कई नामचीन हस्तियों में जीनत अमान, आशा पारेख, हेलन एन्न रिचर्डसन खान सहित सिंगर कैलाश खेर, हिमेश रेशमिया आदि भी शामिल होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है।
भारत बनने जा रहा होम्योपैथी का विश्व गुरु : डॉ. नीतीश दुबे
बर्नेट होम्योपैथी प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर व प्रख्यात होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. नीतीश चन्द्र दुबे कहते हैं होम्योपैथी भारत का अध्यात्म और जर्मन का विज्ञान है। इस चिकित्सा पद्धति का जन्म जर्मनी में हुआ था लेकिन अब यह भारतीय चिकित्सा पद्धति का एक अभिन्न अंग बन गया है। सभी लोग होम्योपैथिक उपचार के सकारात्मक पक्ष से अवगत हैं। भारत अब इस चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी है, जहां हमारे पास कई अद्भुत चिकित्सक हैं जो इस होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र को दुनिया में गौरवान्वित कर रहे हैं। इस अखिल भारतीय होम्योपैथिक रिसर्च समिट माध्यम से हम यह संदेश दे रहे हैं कि भारत होम्योपैथी के क्षेत्र में विश्व गुरु बनने जा रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे सहित विभिन्न क्षेत्र के दिग्गजों का होम्योपैथी के इस महामंच पर आना सम्पूर्ण होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र के लिए गर्व का विषय होगा।
होम्योपैथी चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा नाम बन चुके हैं डॉ. नीतीश दुबे
देश के जाने-माने होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. नीतीश चंद्र दुबे की सफलता की कहानी बड़ी ही चुनौतीपूर्ण और संघर्ष भरी रही है। अपना मुकाम हासिल करने के लिए उन्होंने पिछले दो दशकों के दौरान कड़ा संघर्ष किया है। डॉ. दुबे कहते हैं कि वे छात्र जीवन से आज तक केवल होम्योपैथी के बारे में सोचते रहे हैं और कुछ नहीं सिर्फ होम्योपैथी, होम्योपैथी, होम्योपैथी….। इसके लिए खूब मेहनत किया, पसीना बहाया।
डॉ. नीतीश दुबे नव वर्ष 2000 में हरिओम होम्यो कल्याणपुर के नाम से मुंगेर जिला अंतर्गत कल्याणपुर स्थित अपने पैतृक आवास के सामने क्लिनिक शुरू किया और इसकी सफलता के बाद भागलपुर, बेगूसराय, मुंगेर के जमालपुर, पटना, दिल्ली, इंदौर में हरिओम होम्यो के नाम से लंबी क्लिनिकों श्रृंखला खड़ी कर दी। डॉ. नीतीश दुबे शुक्रवार और शनिवार को पटना, रविवार को दिल्ली, बुधवार को बेगूसराय और गुरुवार को भागलपुर क्लिनिक में बैठते हैं। मंगलवार को कल्याणपुर में रहते हैं। हर जगह अंडे दिखाने के लिए रोगियों की भारी भीड़ उमड़ती है। सांसद, मंत्री से लेकर देश के बड़े-बड़े नौकरशाह डॉ. नीतीश दुबे के इलाज के मुरीद हैं। रोगियों को देखने की देशी स्टाइल ने उन्हें मरीजों के बीच भरोसेमंद और लोकप्रिय बनाया है। लोग विदेशों से भी उनके पास असाध्य रोगों के इलाज और चिकित्सकीय परामर्श के लिए आते हैं। डॉ. नीतीश दुबे कहते हैं कि मरीजों का विश्वास और दुआ से उन्हें आगे बढ़ने की ऊर्जा मिलती है।