राजभाषा के प्रचार प्रसार के लिए गठित संसदीय राजभाषा समिति का लखनऊ दौरा

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लखनऊ, भारत वार्ता संवाददाता : राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु संसदीय राजभाषा समिति की पहली उपसमिति ने लखनऊ का दौरा किया। यह उप समिति 2 मार्च से 4 मार्च तक लखनऊ में प्रवास की तथा इस दौरान इसने कुल 23 केंद्रीय कार्यालयों के राजभाषा संबंधी कार्यों का निरीक्षण किया। ज्ञातव्य हो कि संसद द्वारा पारित राजभाषा अधिनियम 1963 में दिए गए प्रावधानों के तहत संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कुल 30 सांसद होते हैं, जिसमें 20 लोकसभा के तथा 10 राज्यसभा के होते हैं। इस समिति के पदेन अध्यक्ष भारत के गृहमंत्री मंत्री होते हैं। यह समिति तीन उपसमितियों में बंटी हुई है। प्रत्येक उप समिति में 10 संसद सदस्य तथा उनके 5 सहयोगी अधिकारी एवं स्टाफ को मिलाकर कुल 15 सदस्य होते हैं । प्रथम उप समिति ने लखनऊ का दौरा किया तथा कार्यालयों के निरीक्षण हेतु समन्वय की जिम्मेदारी लखनऊ के गोमती नगर स्थित सीआरपीएफ के मध्य सेक्टर मुख्यालय को सौंपी गई। सीआरपीएफ ने इस जिम्मेदारी को सहर्ष स्वीकार किया सीआरपीएफ के महनिरीक्ष जसबीर सिंह संधू मध्यप्रदेश सेक्टर के नेतृत्व में इसे सफल बनाने के लिए राजीव रंजन, भा0पु0से0 , पुलिस उप महानिरीक्षक, सुनील कुमार उप महानिरीक्षक, राजीव कुमार चौधरी कमांडेंट, रमेश यादव उप कमांडेंट, मोहम्मद आसिफ सहायक कमांडेंट एवं मो. इकबाल सहायक कमांडेंट (हिंदी) सहित अन्य अधिकारियों और स्टाफ ने अपना योगदान दिया। संसदीय समिति ने सीआरपीएफ के समन्वय कार्य बहुत सराहा तथा इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। समिति ने लखनऊ, कानपुर, औरैया अमेठी, बरेली स्थित कार्यालयों के राजभाषा का निरीक्षण कार्य यहां लखनऊ में किया। जिसमें प्रमुख कार्यालय एच ए एल गेल, वायुसेना स्टेशन बरेली, ग्लाइडर इंडिया लिमिटेड, ट्रूप्स कंफर्ट, केंद्रीय विद्यालय संगठन, आईओसीएल, एचपीसीएल, रक्षा संपदा निदेशालय, छावनी परिषद लखनऊ, गुणवत्ता आश्वासन संस्थान कानपुर, भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ भारतीय तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी संस्थान लखनऊ, भारतीय सांस्कृतिक संपदा अनुरक्षण अनुसंधानशाला लखनऊ, सिपेट लखनऊ, केमिकल एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड लखनऊ कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय कानपुर इत्यादि कार्यालयों के साथ ही मध्य सेक्टर सीआरपीएफ कार्यालय का राजभाषा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सभी कार्यालयों ने अपने-अपने राजभाषा कार्यों संबंधी प्रदर्शनी को प्रदर्शित किया, जिससे समिति काफी प्रभावित हुई। समिति ने सभी को राजभाषा क्षेत्र में और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित एवं उत्साहित किया। इसी क्रम में राजभाषा के प्रचार प्रसार को ध्यान में रखते हुए सीआरपीएफ एवं अन्य कार्यालयों के अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने बढ़-चढ़कर हिंदी में अपनी प्रस्तुति दी। समिति इससे काफी प्रसन्न हुई तथा समिति के सदस्य धर्मेंद्र कश्यप, संसद सदस्य एवं श्याम सिंह यादव, संसद सदस्य ने अपने ओजस्वी वक्तव्य एवं कविताओं से वहां उपस्थित सीआरपीएफ के सभी जवानों एवं अन्य कार्यालयों के अधिकारियों एवं स्टाफ का मनोबल बढ़ाया। सीआरपीएफ के राजभाषा निरीक्षण के दौरान समिति ने सीआरपीएफ की भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि सीआरपीएफ आंतरिक सुरक्षा के अपने मूल कर्तव्यों का उत्कृष्ट निर्वहन करते हुए राजभाषा के प्रचार-प्रसार को भी निभाने में अग्रणी है । इसके लिए समिति ने सीआरपीएफ को बधाई दिया तथा मुक्त कंठ से सराहना की। सभी 23 निरीक्षणधीन कार्यालयों ने सीआरपीएफ के समन्वय की प्रशंसा की तथा इसे उत्कृष्ट बताया। इस कड़ी के दौरान संसदीय समिति ने अयोध्या स्थित राम लला के भी दर्शन कर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

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