
कोलकाता, भारत वार्ता संवाददाता : बंगाल चुनाव में शर्मनाक पराजय झेलने वाले पूर्व संपादक स्वप्न दासगुप्ता एक बार फिर राज्यसभा पहुंच गए. भाजपा के बड़े नेता अपनी पार्टी को कार्यकर्ताओं की पार्टी कहते हैं. अपने भाषणों में मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान देने के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं मगर जब मौका आता है तो सेटिंग-वेटिंग वालों को ही पार्टी में तरजीह मिलती है. स्वप्न दासगुप्ता राज्यसभा सदस्य थे. बंगाल विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने उन्हें हूगली जिले तारकेश्वर सीट से उम्मीदवार बनाया जहां वे तृणमूल कांग्रेस के रामेंदु सिंहाराय से पराजित हो गए. जो शख्स विधानसभा चुनाव भी नहीं जीत पाया वहफिर से राज्यसभा में मनोनीत हो गया. राष्ट्रपति ने कैबिनेट की अनुशंसा से उन्हें शेष बचे समय यानी 24 अप्रैल 2022 तक के लिए राज्यसभा सदस्य बना दिया. यहां यह भी बता दें कि जब स्वप्न दास विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बने तो उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी थी लेकिन टीएमसी ने इसे मुद्दा बनाया, उसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया. स्वपन दास स्टेट्समैन, डेली टेलीग्राफ, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टुडे के संपादक रह चुके हैं.
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