
Bharat Varta Desk: झारखंड के कोडरमा के एक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रा 9 दिसंबर को घर से भाग गए थे। लड़की के परिजनों ने बिहार के पटना में पदस्थापित भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और डीआईजी, विशेष शाखा (सुरक्षा) मनोज कुमार को इसकी सूचना दी थी दी और लड़की को बरामद करवाने में मदद का गुहार लगाया। डीआईजी ने कोडरमा एसपी के साथ-साथ केंद्रीय रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान को इसकी सूचना दी। कोडरमा एसपी ने वहां के आरपीएफ इंस्पेक्टर जवाहरलाल को बुलाकर घटना के बारे में बताया। इधर मामले की जानकारी मिलते ही विष्णु खेतान ने लड़का और लड़की की जानकारी और फोटो केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के 139/ सेवा ही संकल्प ग्रुप के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में डालकर आरपीएफ और जीआरपी के सभी प्रभारियों से अनुरोध किया कि ट्रेनों और स्टेशनों पर सघन तलाशी अभियान चलाकर लड़का और लड़की का पता लगाने में सहयोग करें। लखनऊ आरपीएफ को इस काम में सफलता मिली और इंस्पेक्टर रंजीत सिंह की तत्परता से एक ट्रेन की बोगी से लड़का-लड़की को बरामद कर लिया गया । लड़की के परिजन लखनऊ के लिए प्रस्थान कर गए हैं। लड़की के पिता में लड़की के खिलाफ अपहरण की प्राथमिकी कोडरमा रेल थाने में दर्ज कराई है।
डीआईजी मनोज कुमार की तत्परता
रेल यात्री संघ के अध्यक्ष अध्यक्ष विष्णु खेतान ने बताया कि कोडरमा और लखनऊ आरपीएफ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह की तत्परता के कारण छात्र-छात्रा को बरामद किया जा सका है। यह संभव नहीं होता यदि डीआईजी मनोज कुमार के द्वारा पहल नहीं किया जाता। खेतान ने बताया कि मनोज कुमार का पुलिस अधिकारी के रूप में व्यापक सामाजिक सरोकार रहा है। वे जनोन्मुखी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बेगूसराय और सुपौल के एसपी के रूप में उन्होंने जनहित में उल्लेखनीय काम किया। भागलपुर में उन्होंने कई मौकों पर अपने व्यापक जनसंपर्क के कारण सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने से बचाया था।
प्रेम- प्रसंग में छात्र- छात्राओं के भागने की बढ़ी घटनाएं
विष्णु खेतान ने बताया कि पिछले कुछ सालों से स्कूली छात्र छात्राओं के प्रेम प्रसंग में घर से भागने की घटनाएं बहुत बढ़ गईं हैं। रेलयात्री संघ ने आरपीएफ के सहयोग से अब तक दर्जनों घर से भागने वाले ऐसे स्कूली छात्र -छात्राओं को बरामद करवाया है। यात्री संघ के व्हाट्सएप ग्रुप में देशभर के आरपीएफ के इंस्पेक्टर और रेल थाना प्रभारी जुड़े हुए हैं। व्हाट्सएप ग्रुप में भागने वाले छात्र-छात्राओं की तस्वीर डालते ही सभी लोग सक्रिय हो जाते हैं और रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की निगरानी शुरू हो जाती है। इसके बाद कहीं ना कहीं लड़के लड़कियों को बरामद कर ही लिया जाता है।
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