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Bharat varta Desk :
सिरहा (नेपाल):२० से २३ दिसम्बर २०२४ की अवधि में ३५वां अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् अधिवेशन ‘सिरहा’ मधेश प्रदेश (मिथिला) नेपाल में हुआ। इस अधिवेशन में विभिन्न विषयों पर परिचर्चा, वाद-विवाद (बहस) इत्यादि के साथ ही भारत एवं नेपाल के मिथिला व मैथिली के प्रबुद्धजनों द्वारा मधेश प्रदेश में मैथिली भाषा को प्रथम राजभाषा प्रकरण के रूप में सम्मान सहित कोशी प्रान्त में मैथिली को राज्य की दूसरी भाषा के रूप में मान्यता मिल सके, जैसे अति महत्त्वपूर्ण विषय पर भी विचार-गोष्ठी हुई। इस अधिवेशन में उपस्थित महान् बुद्धिजीवियों ने हजारों दर्शकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नेपाल के सिरहा जिला को राजा सलहेस सर्किट के रूप में मान्यता मिलना चाहिए जिससे कि इस क्षेत्र में प्रदेश पर्यटन की सम्भावना बन सके। सबसे बड़ी बात यह कि इसे ‘मधेश प्रदेश’ नहीं बल्कि ‘मिथिला प्रदेश’ के नामकरण से अलंकृत किया जाना चाहिए क्योंकि मधेश प्रदेश में मैथिली भाषा बोलनेवालों की संख्या ४६% से भी अधिक है।
इस समारोह में नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री बाबु राम भट्टराई, अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के संस्थापक डा० धनाकर ठाकुर, अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक कुमार अविचल, महासचिव श्री नारायण प्रसाद यादव, मिथिला प्रान्त अध्यक्ष डॉ० श्याम नारायण कुंवर, मधेश प्रदेश अध्यक्ष सह अधिवेशन-संयोजक श्री रामरीझन यादव, श्री उमेश नारायण कर्ण ‘कल्पकवि’, श्री जयानंद प्रसाद झा, श्री अनूप कुमार झा, श्री विजय कुमार मिश्रा समस्तीपुर एवम् इसके पदाधिकारीगणों समेत ‘आदर्श मिथिला पार्टी’ के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश चन्द्र भारती, संयोजक श्री रत्नेश्वर झा, सैकड़ों पदाधिकरण व कार्यकर्त्ताओं सहित मिथिला के विद्वानों की उपस्थिति के माध्यम ने ही इस अधिवेशन को सफल बनाया।
नेपाल में अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के सिरहा मधेश प्रदेश (मिथिला) में ३५वें अधिवेशन की सफलता हेतु विशेषकर श्री रामझीवन यादव द्वारा भारत व नेपाल के महानतम् बुद्धिजीवियों को एक मंच पर एकत्रित करना एवम् नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री बाबु राम भट्टराई जी जैसे अतिविशिष्ट मैथिलीसेवी द्वारा उद्घाटन समारोह कर सभी कार्यक्रमों को प्रारम्भ करना इस महोत्सव के मुख्य आकर्षण का केन्द्र अन्तिम तिथि तक बना रहा।
नेपाल में ३५वें अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् अधिवेशन के समापन के उपरान्त खासकर इसके संचालकों सहित बुद्धिजीवियों व उपस्थित प्रबुद्धजनों को तत्काल धन्यवाद् ज्ञापन हेतु श्री शैलेन्द्र झा मुम्बई के सभापतित्व में एक गूगल मीटिंग भी की गई जिसके माध्यम से अधिवेशन-संयोजक श्री रामरीझन यादव के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया। इस गूगल बैठक में श्री नवीन चौधरी मुम्बई, श्रीमती पूनम झा आसनसोल, श्री प्रमोद कुमार झा मधुबनी, श्री विधुकांत झा प्रयागराज आदि ने भी भाग लिया। विदित हो कि श्री नवीन चौधरी मुम्बई के नेतृत्व में तीन महीने का ‘मिथिला व मैथिली विकास का संवाद-प्रेषण’ के संचालन-अध्याय का समापन भी अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के ३५वें अधिवेशन की अवधि में ही सम्पन्न हुआ।
इनपुट-प्रवक्ता नरेन्द्र कुमार झा (सदस्य-सचिव, अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद्, पटना शाखा) द्वारा
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