
Bharat varta desk:
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में अब बिना फार्मासिस्ट की भी दवा दुकानें खुलेंगी। इन दुकानों में वैसी दवाओं की बिक्री हो सकेगी, जिनके लिए फार्मासिस्पट का होना जरूरी नहीं है। सरकार ने राज्य की सभी पंचायतों में ऐसी एक-एक दवा दुकान स्थानीय युवाओं के माध्यम से खोलने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए पांच अप्रैल तक आवेदन मुखिया या पंचायत सचिवों के माध्यम से मांगे हैं। पारासिटामोल समेत फंगल इंफेक्शन, दर्द से राहत दिलाने वाली कुछ क्रीम, कब्ज, दस्त और उल्टी की कुछ दवाएं हैं, जिनकी खरीद-बिक्री में फार्मासिस्ट या डॉक्टर की सलाह की जरूरत नहीं होती है।
इसके अलावा, थर्मामीटर, आक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर समेत कई उपकरणों में भी यह छूट हासिल है। औषधि एवं अंगराग अधिनियम, 1940 एवं संबंधित नियमावली के तहत पंचायतों में खोली जानेवाली दवा दुकानों को रेस्ट्रिक्टेड लाइसेंस दिया जाएगा।
लाभुक और स्थल चयन की जिम्मेदारी मुखिया और पंचायत सचिव की होगी, जिसपर प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुमोदन प्रदान करेंगे। प्राप्त आवेदनों की अंतिम रूप से समीक्षा के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी और औषधि निरीक्षक संयुक्त अनुशंसा के साथ आवेदन उस क्षेत्र के अनुज्ञापन प्राधिकारी को स्वीकृति के लिए भेजेंगे।
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