वर्ष 2023 में खुलेंगे कई नए कारखाने: समीर महासेठ
निवेशकों को मिल रहा है एक सप्ताह में क्लीयरेंस : संदीप पौण्डरीक
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : उद्योग विभाग के मीटिंग हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने विभागीय पत्रिका उद्योग संवाद के अक्टूबर-दिसंबर,2022 अंक का विमोचन किया। इसके बाद उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक, उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित, विशेष सचिव आलोक कुमार तथा बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप कुमार ने बिहार खादी के कैलेंडर का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में वर्ष 2022 की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उद्योग विभाग का बजट 3000 करोड़ से अधिक का हो गया है। विभाग का बढ़ता बजट माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के उद्योग विभाग के प्रति बढ़ते विश्वास को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, बिहार स्टार्टअप नीति, बिहार टेक्सटाइल एवं लेदर नीति आदि के माध्यम से उद्यमिता के वातावरण के निर्माण के लिए लगातार प्रयास जारी है। स्टार्टअप को को-वर्किंग स्पेस देने के लिए पटना के मौर्यलोक और फ्रेजर रोड के वित्तीय भवन में आधुनिक ऑफिस स्पेस बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि पटना, मुजफ्फरपुर और मधुबनी सहित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में नया खादी मॉल निर्माणाधीन है, जबकि पटना के खादी मॉल का विस्तार किया जा रहा है। उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ में सभी उपस्थित लोगों को वर्ष 2023 की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 4 महीनों में ही उद्योग विभाग का कायाकल्प हो गया है। अगले वर्ष विकास के और भी अनेक काम हाथ में लिए जाएंगे। वर्ष 2023 में इथेनॉल और खाद्य प्रसंस्करण के कई नए कारखानों का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में जो इकाइयां वर्षों से बंद पड़ी हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उद्योगों के लिए चिन्हित भूमि को घेर कर रखने का हक किसी को नहीं है। जो उद्यमी उद्योग लगाना चाहते हैं उन्हें 1 सप्ताह के अंदर हर प्रकार का क्लीयरेंस दिया जा रहा है। बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक हर सप्ताह की जाती है और निवेशकों को प्रथम चरण एवं फाइनेंसियल क्लीयरेंस प्रदान किया जाता है। आवेदन से औद्योगिक यूनिट की स्थापना तक की हैंडहोल्डिंग उद्योग विभाग द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर और फतुहा में बैग निर्माण की अनेक नई इकाइयां लगी हैं। जल्द ही मुजफ्फरपुर एक बड़ा लेदर कलस्टर के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को गति बढ़ाने के लिए भी वह तत्पर हैं। हर 3 महीने पर नया स्टार्टअप के लिए आवेदन स्वीकार किया जाएगा और 45 दिनों के अंदर स्टार्टअप प्रपोजल की जांच करते हुए सीड फंडिंग और दूसरे सपोर्ट की व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना भी विभाग की प्राथमिकता है जिसके लिए हर सप्ताह जिला स्तर पर बैठक की जा रही है और बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करके औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
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