अंग प्रदेश में बागियों ने बढ़ाया एनडीए और महागठबंधन उम्मीदवारों का टेंशन, हर दल के बागी बिगाड़ सकते हैं खेल
भागलपुर से न्यूज़ एन लाइव की विशेष रिपोर्ट।
भागलपुर प्रमंडल में कई विधानसभा सीटों पर बागी उम्मीदवार चुनाव का समीकरण बिगाड़ रहे हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ओर से कई बागी खड़े हैं। कई बागियों ने लोजपा और दूसरे दलों का दामन थाम लिया है।
कांग्रेस के बागी अली सज्जाद ने बढ़ाया कांग्रेस का संकट
भागलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष शाह अली सज्जाद रालोसपा के टिकट मैदान में उतर गए है। उनके पहले जदयू के बागी और पूर्व मेयर दीपक कुमार भुवानिया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे हैं। उन्हें बैठाने के लिए गोड्डा के भाजपा सांसद ने अनुरोध किया है । उधर डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के लोजपा से उम्मीदवार होने के बाद भाजपा की सांसे फूल रही है। शाह अली सज्जाद का मुस्लिम वोटरों में आधार है। इससे महागठबंधन के कांग्रेसी उम्मीदवार अजीत शर्मा की चिंता बढ़ी है। इस सीट पर कुल 26 उम्मीदवार खड़े हैं।
नाथनगर में आलोक बिगाड़ रहे महागठबंधन का समीकरण
राजद से टिकट नहीं मिलने पर नाथनगर सीट पर डॉ अशोक आलोक मायावती की पार्टी बसपा से खड़े हो गए हैं। सर्वाधिक पढ़े-लिखे और युवा डॉक्टर आलोक का राजद के परंपरागत और दूसरी जातियों पर असर है। लिहाजा राजद उम्मीदवार का टेंशन बढ़ा हुआ है। यहां कुल 26 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है।
पीरपैंती में अमन के उम्मीदवार होने से भाजपा बटी
जिले के सुरक्षित पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने पूर्व विधायक अमन कुमार की जगह ललन पासवान को उम्मीदवार बनाया तो अमन बागी होकर चुनाव में कूद पड़े हैं। भाजपा समर्थकों का बड़ा हिस्सा अमन के साथ घूम रहा है। अमन को टिकट नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं के साथ-साथ वोटरों की बड़ी संख्या नाराज दिख रही है। इसके चलते उम्मीदवार से लेकर पटना दिल्ली तक के नेताओं की चिंता बढ़ी है।
अमरपुर में मृणाल के कारण समीकरण उलझा
बांका जिले के अमरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से बेटिकट डॉ मृणाल शेखर लोजपा के उम्मीदवार हैं। इसके चलते वहां एनडीए की ओर से जदयू उम्मीदवार की परेशानी बढ़ गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में हारने के बाद भी भाजपा की मृणाल शेखर लगातार अमरपुर में काम करते रहे। लेकिन मृणाल अपनी जाति के वोट में भी सेंध लगा रहे हैं, जिस जाति के जितेंद्र सिंह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं। इस सीट पर समीकरण पूरी तरह उलझ गया है।