ललन कुमार ने कहा, पेट्रोलियम पदार्थों और गैस सिलेंडर के बढ़ते मूल्य से ध्यान भटका रहे नीतीश
मुंगेर: सुल्तानगंज विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सह युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार ने संवाददाता सम्मलेन में कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों और गैस सिलेंडर के बढ़ते मूल्य से ध्यान भटकाने के लिए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्यावरण के नाम पर बैटरी चालित गाड़ी चलाने की बात करके किसानों, मजदूरों एवं आमजनों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
ललन कुमार ने कहा किमुख्यमंत्री जी यह बताएं कि वर्तमान में जो डीजल और पेट्रोल से गाड़ियां सड़कों पर चल रही है उनका क्या होगा? खेतों में ट्रेक्टरों से जुताई होती है उसका क्या विकल्प है। सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले डीजल इंजन हो या फसलों की ढुलाई सब कुछ डीजल पर ही तो आश्रीत है। ऐसे में बिहार के गरीब किसानों का बोझ कम करने का राज्य सरकार के पास क्या उपाय है? सरकारी तेल कंपनियां पिछले एक हफ्ते से लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम में बढोतरी पर बढोतरी कर निम्न वर्ग और मध्यम वर्गीय परिवारों पर बोझ बढाए जा रही है। ईंधन की कीमतों को लेकर सरकार ने लूट मचा रखी है। सरकार द्वारा आम आदमी की खून पसीने की गाढ़ी कमाई को पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर लूटा जा रहा है जबकि वास्तविक कीमतें काफी कम हैं। सरकार ने एक राष्ट्र एक टैक्स के अंतर्गत जीएसटी लाया, लेकिन अब तक पेट्रोलियम पदार्थों के ऊपर किस दबाव के तहत जीएसटी का नियमावली लागू नहीं कर सकी है। क्या यह सिर्फ पेट्रोलियम कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का जो केंद्र सरकार का अभियान है, उसका हिस्सा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी जो भारत में डीजल आ रहा है उसका वास्तविक मूल्य 33.46 तथा पेट्रोल का वास्तविक मूल्य 31.82 रुपये ही है, लेकिन बहुततेरी टैक्स तथा कंपनियों को नित्य प्रतिदिन फायदा के दृष्टिकोण से ही डीजल करीब 90 और पेट्रोल शतक के करीब पहुंच चुका है। देश में पेट्रोल डीजल और गैस सिलेंडर के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और इसको रोकने की दिशा में ना ही केंद्र सरकार चिंतित है और न ही बिहार सरकार इसको लेकर गम्भीर है। माननीय मुख्यमंत्री नितिश कुमार यदि पेट्रोल, डीजल और गैस की मुल्य वृद्धि को लेकर यदि सचमुच चिंतित हैं तो बिहार के गरीब किसानों, मजदूरों के हक में पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स में कमी करके आम जनता को राहत दे।