
जीटीआरआई द्वारा आगामी 24 मई को पूर्वी भारत का पहला महिला-केंद्रित टेक समिट होगा आयोजित
पटना : नवाचार और समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, अमात्य फाउंडेशन अंतर्गत ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स (जीटीआरआई) द्वारा इस सप्ताह बिहार की राजधानी पटना में “आइडियाज़ फॉर बिहार (आईएफबी) 4.0” का आयोजन किया जाना है। यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा, जो अपनी तरह का महिला-नेतृत्व वाला पूर्वी भारत का पहला टेक समिट भी है। इसमें नीति निर्माताओं, टेक विशेषज्ञों समेत वैश्विक पहचान वाले एक्सपर्ट्स तथा जमीनी स्तर पर बदलाव के वाहकों को एक मंच पर लाया जाएगा, ताकि प्रौद्योगिकी, लैंगिक समानता और परस्पर सहयोग के ज़रिए बिहार में तकनीक आधारित प्रगति को गति दी जा सके।
24 मई को होने वाले इस एक दिवसीय मेगा समिट को तीन तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है। इसके तहत तकनीकी जगत में शीर्ष स्तर पर महिला नेतृत्व की कमी के लिए ज़िम्मेदार कारकों, टेक उद्योग में पुरुष-महिला प्रतिनिधित्व को लेकर गहरी असमानता तथा उसे पाटने संबंधी कारगर उपायों एवं महिलाओं के हाथों में आर्थिक स्रोत होने के संभावित लाभ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सभी पैनल चर्चा में केवल महिलाओं की भागीदारी भी इस कार्यक्रम की एक और उल्लेखनीय विशेषता है। इसमें शामिल होने वाली प्रमुख टेक नेत्रियों में नेमेसिसा उज्जैन (द सर्कल), शिक्षा सुमन (क्योरबे), डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रह्मण्यम (भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान), रुबिता मगर (मैच24ऑर्बिटल्स, नेपाल), डॉ. सबीन कपासी (एनिरा कंसल्टेंसी), नितिका अग्रवाल (पेगासस फिनइन्वेस्ट), रश्मि दयामा (लियो कैपिटल) आदि शामिल हैं। साथ ही, प्रसिद्ध महिला टेक उद्यमियों – श्री लक्ष्मी (किक्स्की स्पेस टेक एक्सीलरेटर), श्री सुप्रयानी (अंडुरा-एक्स), और मिली श्रीवास्तव (डियाजियो इंडिया) द्वारा तीनों सत्रों का संचालन किया जाएगा।
समिट के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए, जीटीआरआई के क्यूरेटर अदिति नंदन ने कहा कि यह सिर्फ एक समिट नहीं है, बल्कि यह एक आह्वान है। आईएफ़बी 4.0 एक ऐसा मंच है जहाँ हम केवल चर्चा नहीं करेंगे, अपितु विचारों को वास्तविकता में बदलने का काम भी किया जाएगा। बिहार की महिलाएं अब और इंतजार करने को तैयार नहीं; वे मौजूदा हालात को बदलने और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कई महिलाएँ अपनी लगन और कौशल के बलबूते पहले से ही इस दिशा में मज़बूती से क़दम बढ़ा रहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार, जहाँ की 58% आबादी 25 साल से कम उम्र की है, एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। यह समिट कुछ बेहद जरूरी मुद्दों को संबोधित करेगा। मिसाल के तौर पर, डिजिटल साक्षरता में 1% की वृद्धि से 9,000 करोड़ रुपये का संभावित आर्थिक लाभ हो सकता है। इसी प्रकार, एग्री-टेक जीडीपी में कृषि के योगदान को 18% से 35% तक बढ़ा सकता है। इसके लिए समुचित प्रयास की आवश्यकता है, वरना बिहार भारत की 10 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में पीछे रह सकता है। बिहार में अपार संभावनाएँ हैं, हम सब बिहार की कहानी को बदलने के लिए अपना योगदान दें।
समिट के मुख्य आकर्षण:
• महिलाओं की सर्वोपरि भूमिका: आईएफबी 4.0 महिलाओं को परिवर्तन ध्वजवाहक के रूप में सम्मानित करेगा। इसमें बिहार की प्रतिभाशाली महिला नवप्रवर्तकों को तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व, निवेशकों और नीति निर्माताओं से सीधे जोड़ने और संवाद का अवसर सुनिश्चित किया जाएगा।
• बातें नहीं बल्कि अमल करने का समय: एक वर्किंग लैब जहाँ प्रतिभागी एआई-आधारित कृषि से लेकर एआर कक्षाओं तक के समाधानों पर काम करेंगे, जो स्थानीय ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीक को जोड़ेगा।
• मुख्य विषय: एग्री-टेक, डिजिटल साक्षरता, किसानों की आय के लिए ब्लॉकचेन, स्मार्ट गाँव, और महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों के लिए फिनटेक।
• विशेष अवसर: स्टार्टअप पिच, निवेशक मीटअप, और बिहार का पहला लाइव “इनोवेशन डैशबोर्ड” जो वास्तविक समय में प्रगति को ट्रैक करेगा।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
अमात्य फाउंडेशन
फोन: (+91) 9810874242
ईमेल: grandtrunkroadinitiatives@gmail.com
वेबसाइट: www.grandtrunkroadinitiatives.org
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