हैदराबाद में लगा बिहार क्राफ्ट फेयर
क्राफ्ट फेयर में मधुबनी पेंटिंग और सिक्की कलाकृतियों की अधिक मांग
हैदराबाद : उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा हैदराबाद के शिल्पारमम में लगाए गए बिहार क्राफ्ट फेयर में दर्शकों को बिहार की बहुरंगी संस्कृति के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं। बिहार के हस्तशिल्प, हैंडलूम और पेंटिंग के 80 से अधिक स्टालों पर बिहार के समृद्ध हस्तकला और उत्पादों से दर्शक रूबरू हो रहे हैं। कई मंडलों में बिहार के कलाकार अपनी कला का लाइव डेमो की दे रहे हैं। संध्या में प्रतिदिन शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बिहार के कलाकारों द्वारा लोकगीत और लोकनृत्य की प्रस्तुति करके दर्शकों को बिहार की कला और संस्कृति से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने शिल्पारमम के सांस्कृतिक मंच पर बिहार की माटी की खुशबू से लबरेज गीतों की प्रस्तुति कर दर्शकों के दिल को जीत लिया। लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने सावन के महीने में महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले कजरी गीतों को पेश किया। उन्होंने सेजिया पर लोटे काला नाग हो कचौड़ी गली सून कइला बलमू, राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुवर आयो जी जैसे गीतों से रंग जमाया। कौने रंगे वृंदाबनवा कौने रंगे जमुना गीत भक्ति से भक्ति का रस घोला। भिखारी ठाकुर का गीत डागरिया जोहत ना हो, बीतत बाटे आठ पहरिया हो डगरिया जोहत न जतसारी का सुनाया। संस्कार गीतों में विवाह गीत चलनी के चलाल दूल्हा सुपके फटकार हो सहित अनेक गीत गाए। भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक भाषाओं में प्रस्तुत गीतों को खूब पसंद किया गया।
लोकगीतों के साथ-साथ बिहार के पारंपरिक लोक नृत्य की भी शानदार प्रस्तुति बिहार के कलाकारों द्वारा की गई। लोक कलाकारों ने पारंपरिक लोकगीतों पर मनभावन नृत्य पेश किए।
शिल्पारमम बिहार क्राफ्ट फेयर उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक कुमार की देखरेख में चल रहा है। आयोजन की संकल्पना से बिहार के कलाकार उत्साहित हैं। हैदराबाद और सिकंदराबाद में रह रहे स्थानीय लोग तो मेले का लुत्फ उठा ही रहे हैं, दोनों शहरों में रहने वाले उत्तर भारतीय भी मेला में आ रहे हैं और बिहार के बुनकरों एवं हस्तशिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कलाकारों का लाइव प्रदर्शन बच्चों को भा रहा है। कार्यक्रम के दौरान मधुबनी पेंटिंग के कलाकार विभालाल राजकुमार लाल, स्मिता पराशर, मंजूषा शैली के पवन सागर, सुजनी आर्टिस्ट माला गुप्ता, विक्की कलाकार नागदा खातून टिकुली आर्टिस्ट संतोष कुमार, सुमन सिंह, अंशुमाला और मेला में बिहार का पारंपरिक डिश लिट्टी चोखा की दुकान चला रहे रंजन कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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