Bharat varta desk:
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी पूर्व आईएएस ऑफिसर और उनके बेटे को राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2000 करोड़ के कथित शराब घोटाला मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन दोनों के खिलाफ केस नहीं चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने इन दोनों के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया और कहा कि इनके खिलाफ मुख्य अपराध में मामला नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा कि इन दोनों के खिलाफ पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला नहीं बनता है। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इनके खिलाफ कार्रवाई जारी नहीं कर सकती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से ईडी ने मामले में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी। ईडी का आरोप था कि पूर्व आईएएस टूटेजा अवैध शराब सप्लाई मामले के सरगना हैं। 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को कहा था कि वह ईसीआईआर और एफआईआर पेश करे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जिस आधार पर केस दर्ज किया या था वह तथ्य पेश किया जाए। इस मामले में टूटेजा और उनके बेटे की ओर से रिट याचिका दायर कर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा-50 को चनौती दी गई थी। ईडी को धारा-50 अधिकार देता है कि वह सीज, सर्च और गिरफ्तारी कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2022 के फैसले में एक्ट की उक्त धारा को बरकरार रखा था
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