
भारत वार्ता डेस्क: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के एक विशेष अपील याचिका को खारिज करते हुए जमकर फटकार लगाई और साथ में कोर्ट का समय बर्बाद करने के मामले में 20000 का जुर्माना भी लगा दिया दिया है.कोर्ट ने कहा है कि यह जुर्माना जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जाए.
यह मामला राज्य के एक अधिकारी की सेवा बर्खास्तगी से जुड़ा है . न्यायमूर्ति एसके कौल और आरएस रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ पिछले वर्ष सितंबर में उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी. उच्च न्यायालय ने इस याचिका का सभी पक्षों की सहमति के आधार पर निस्तारण कर दिया था. इसके बावजूद विशेष अनुमति याचिका दायर की गई. हम इसे अदालती प्रक्रिया का पूरी तरह दुरुपयोग मानते हैंऔर वह भी एक राज्य सरकार द्वारा. यह अदालत के समय का दुरुपयोग भी है.
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