अयोध्या : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अयोध्या पहुंचे थे. सीएम योगी आगामी दिनों में राष्ट्रपति के दौरे और मंदिर निर्माण की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही विकास कार्यों का निरीक्षण करने अयोध्या पहुंचे थे. अयोध्या दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के अयोध्या आगमन को लेकर स्वागत का खाका खींचा, साथ ही संतो से मुलाकात भी की.
निर्माण कार्य का लिया जायजा
सीएम योगी सबसे पहले राजश्री दशरथ मेडिकल कॉलेज गए और वहां चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया. उन्होंने दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज में लगे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया साथ ही कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों का जायजा लिया.
अयोध्या से लड़ें चुनाव
इसके बाद अयोध्या धाम पहुंचे मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पर्यटन विभाग के यात्री निवास में संतों के साथ बैठक की है, जिसमें अयोध्या के कई वरिष्ठ संत शामिल थे. अल्पाहार लेते समय सीएम ने संतों की समस्याएं के बारे में जानकारी भी ली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की मांग पर अयोध्या प्रशासन को निर्देशित करते हुए संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूर्ति, वेद पाठी बच्चों के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति का निर्देश दिया. सीएम ने राष्ट्रपति के अयोध्या दौरे को लेकर भी संतों को जानकारी दी. मुख्यमंत्री से संतों ने आग्रह किया कि इस बार वो अयोध्या की धरती से चुनाव लड़ें.
रामलला के किए दर्शन
संतो से मुलाकात करने के बाद सीएम योगी हनुमानगढ़ी पहुंचे जहां उन्होंने दर्शन-पूजन किया. हनुमानगढ़ी दर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने राम जन्मभूमि में रामलला का दर्शन किया और आरती उतारी. सीएम ने राम मंदिर निर्माण की तैयारियों का जायजा भी लिया. इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहे.
महंत नृत्य गोपाल दास से की मुलाकात
राम जन्मभूमि के बाद महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात करते जाते वक्त अचानक मुख्यमंत्री का काफिला मेन रोड पर रुका. जहां पर सुरक्षा में तैनात आवश्यक वाहनों के साथ मुख्यमंत्री सुग्रीव किला गए और वहां पर जगतगुरु विशेष प्रपन्नाचार्य से मुलाकात की. मुख्यमंत्री सुग्रीव किला से मणिराम दास छावनी गए जहां पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की.
राष्ट्रपति का आगमन को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री के अल्पाहार में मौजूद अयोध्या के प्रमुख संत जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री के सहभोज में अयोध्या के सभी प्रमुख संत मौजूद थे. जिसमें प्रमुख रूप से राष्ट्रपति का आगमन को लेकर चर्चा हुई. श्री राम जन्मभूमि दर्शन करने के लिए कोई राष्ट्रपति आता है तो ये अयोध्या के लिए गौरव का विषय है, इससे अयोध्या के पर्यटन में और विकास में चार चांद लगेगा. जगतगुरु राम दिनेशचार्य ने बताया कि करीब एक घंटे से ज्यादा तक मुख्यमंत्री ने संतों के साथ वार्ता की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि संतों के आश्रम में जाएं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करें.
अयोध्या का भी विकास होगा
संतो ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं अयोध्या से चुनाव लड़ने को लेकर कोई भी चर्चा नहीं की लेकिन अयोध्या की जनता और संत-महंत ये चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ें. ये अयोध्या के लिए सुखद होगा. जिस प्रकार से वाराणसी का उत्थान प्रधानमंत्री मोदी ने किया है उसी तरह अयोध्या का भी विकास होगा. अयोध्या एक पर्यटन और स्वच्छ नगरी के रूप में निखर के सामने आएगी और हम लोग इसका स्वागत करेंगे, मुख्यमंत्री यहां से चुनाव लड़ें.
अगर संस्कृत बचेगी तो संस्कृति बचेगी
वहीं, मुख्यमंत्री के सहभोज में विशेष तौर पर आमंत्रित जगतगुरु राघवाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के अयोध्या दौरे के दौरान संतों के साथ सहभोज का कार्यक्रम था, जिसमें अयोध्या के सभी गणमान्य संत मौजूद थे. कार्यक्रम के दरमियान मुख्यमंत्री ने संस्कृति शिक्षा के लिए निर्देशित किया है. अधिकारियों को बुलाकर आदेश दिया कि अयोध्या की संस्कृत पाठशाला में नियुक्तियां बंद पड़ी हैं, नियुक्त के अभाव में पठन-पाठन बाधित है. विद्यालयों में जल्द से जल्द नियुक्तियां की जाएं. यदि वहां पर नियुक्तियों के पद नहीं है तो मानदेय पर शिक्षक रखकर पठन-पाठन का कार्य आगे बढ़ाएं. साथ ही अयोध्या के जिन संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास नहीं है उन विद्यालयों में छात्रावास बनाया जाए. छात्रों को मूलभूत सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जाएं. बाहर से आकर संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को पैसा, भोजन, मकान और वस्त्र की कमी ना हो. जगतगुरु राघवाचार्य ने कहा कि अयोध्या से ये सराहनीय पहल है. अगर संस्कृत बचेगी तो संस्कृति बचेगी. संस्कृत और संस्कृति बचेगी तो राष्ट्र बचेगा. साथी जगतगुरु राघवाचार्य बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर भी सूचना दी गई है. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति जल्द ही अयोध्या आएंगे. अयोध्या के संत-महापुरुषों को कार्यक्रम में सम्मिलित रहने के लिए निर्देशित किया गया है.
कह दी बड़ी बात
जगतगुरु राघवचार्य ने कहा कि अगर संत और सभी जनमानस चाहते हैं तो ये अयोध्या के लिए सौभाग्य का विषय होगा कि मुख्यमंत्री अयोध्या में चुनाव लड़े. मुख्यमंत्री को अयोध्या चाहती है, अयोध्या के लोग चाहते हैं. यहां के संत-महंत चाहते हैं. साथ ही जगतगुरु राघवाचार्य ने मन में दबी बात करते हुए कहा कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने 65 वर्ष की आयु से ज्यादा हुए व्यक्ति को चुनाव ना लड़ने के लिए निर्देशित किया है ऐसी स्थिति में आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्यमंत्री योगी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना संत समाज चाहता है. यदि योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो ये अयोध्या के लिए तो गौरव का विषय है.
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