सरकार की हुई किरकिरी तो बैकफुट पर आए अफसर, रुपेश की पत्नी को सुरक्षा और सड़क जाम के आदेश पर दी सफाई

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पटना संवाददाता
चर्चित रुपेश हत्याकांड और सड़क जाम के आदेश पर सरकार की फजीहत होने लगी है तो आला अफसर बैकफुट पर आ गए हैं .

डैमेज कंट्रोल करते दिखे आला अफसर

शुक्रवार को डैमेज कंट्रोल करते दिखे .रूपेश सिंह की हत्या के 24 दिन के बाद जहां उनकी पत्नी नीतू सिंह को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराया गया है. वहीं दूसरी ओर 1 फरवरी को बीजेपी के द्वारा जारी सड़क जाम करने के निर्देश के संबंध में श्री सचिव और डीजीपी ने सफाई दी.

एसएससी पहुंचे रुपेश के गांव , परिजनों से मिले

22 दिनों तक ने रुपेश के केस की जांच की. मारने वाले ऋतुराज सिंह को गिरफ्तार कर केस के खुलासे का दावा कर दिया. लेकिन इस दौरान पटना के एसएसपी ने रुपेश की पत्नी से घटना के संबंध में पूछताछ करने की जरूरत महसूस नहीं की थी. जब केस की जांच पर सवाल उठने लगे तब कहीं जाकर शुक्रवार को एसएसपी रुपेश के छपरा जिले स्थित गांव पहुंचे और उनकी पत्नी व परिजनों से मिले. वे उनके घर पर करीब 2 घंटे तक रहे. एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि रुपेश की पत्नी को बताया गया कि हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. शेष आरोपियों को खोजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि घटना की कहानी और आरोपियों के विरोध में मिले साक्ष्य के बारे में भी पत्नी को बताया गया.

होम सेक्रेटरी और डीजीपी ने दी सफाई

उधर पुलिस मुख्यालय में गृह सचिव आमिर सुबहानी और पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने पत्रकार सम्मेलन बुलाकर सड़क जाम, धरना और प्रदर्शन के संबंध में निकाले गए डीजीपी के आदेश के बारे में अपना स्टैंड स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि इस आदेश का मतलब जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं है.
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि 1 फरवरी का आदेश जो चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर था, वह पूर्व का आदेश ही है. उन्होंने कहा कि लोग अपनी बात शांति पूर्वक करें.डीजीपी ने कहा कि संज्ञेय अपराध अपराध है.धरना ,प्रदर्शन में कोई अपराधिक कृत्य करता है तो कार्रवाई होगी.सिर्फ एफआईआर में नाम आने से कोई अपराधी नहीं हो जाता है. जब तक कोई अपराधिक कृत्य में शामिल नहीं होगा.
डीजीपी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति संज्ञेय अपराध में है और आरोप पत्र दाखिल है तो चरित्र प्रमाण पत्र में उल्लेख रहेगा.अगर आरोप पत्र समर्पित किया गया और न्यायालय ने संज्ञान नहीं लिया तो भी यह प्रमाण पत्र में नहीं उल्लेख होगा.

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