पॉलिटिक्स

शक्ति प्रदर्शन की जोर-आजमाइश में आरसीपी समर्थक नहीं दे पाए टक्कर ललन समर्थकों को

पटना, भारत वार्ता संवाददाता : बिहार की राजनीति में इनदिनों जदयू के अंदर चल रहे शक्ति प्रदर्शन की जोर-आजमाइश चर्चा में है। शक्ति प्रदर्शन की जोर-आजमाइश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो बेहद करीबी नेताओं के बीच ही चल रहा। जदयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के समर्थक और जदयू कोटे से केंद्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह के समर्थक अपने-अपने नेता को एक दूसरे के मुकाबले पार्टी में अधिक शक्तिशाली साबित करने में लगे हैं। स्वागत के बहाने दोनों नेताओं के समर्थकों ने अपने-अपने नेता के पक्ष में शक्ति प्रदर्शन किया। ललन सिंह 6 अगस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर पहली बार जब पटना आये थे तो उनका जबरदस्त स्वागत हुआ था। उसके बाद से ही केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के समर्थक, उनकी स्वागत की ऐसी तैयारी करने में जुटे थे जो ललन सिंह के स्वागत समारोह पर भारी पड़े। लेकिन आज भीड़ जुटाने में आरसीपी सिंह के समर्थक पिछड़ गए। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि ललन सिंह के स्वागत मुकाबले आरसीपी सिंह के स्वागत में उनके समर्थक भीड़ कम जुटा पाए। जदयू के अंदरखाने भी यह चर्चा जोरों पर है कि दो नेताओं के बीच वर्चस्व के शीत युद्ध में ललन सिंह भारी पड़ते दिख रहे हैं। हालांकि ललन सिंह और आरसीपी सिंह दोनों किसी भी प्रकार की वर्चस्व की बात को नकारते हुए कह रहे कि पार्टी में सबकुछ ठीक है। हम सभी के नेता व अभिवावक नीतीश कुमार हैं।

ललन सिंह से मेरा रिश्ता हम ही जानते हैं : आरसीपी

जदयू कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि ललन सिंह से मेरा रिश्ता हम ही जानते हैं। विपक्ष के लोगों को इसके बारे में क्या मालूम होगा। उन्होंने कहा कि जब ललन सिंह पटना आए थे तो 6 अगस्त को हमारे पार्टी के साथियों ने स्वागत किया था। उस दिन भी विपक्ष के लोगों के पेट में दर्द हो रहा था। आज जब हम आए हैं, तब भी विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में केवल एक ही नेता हैं, जिनका नाम नीतीश कुमार है। नीतीश कुमार के लिए ही सभी लोग काम करते हैं।

आरसीपी के स्वागत कार्यक्रम में नहीं पहुंचे ललन और उपेन्द्र कुशवाहा

आरसीपी सिंह के स्वागत कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का नहीं पहुंचना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। उपेन्द्र कुशवाहा तो आरसीपी के पटना पहुंचने से पहले ही यह कहते हुए जहानाबाद निकल गए कि उन्‍हें स्‍वागत समारोह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। जहानाबाद में जदयू के जिलाध्यक्ष व घोषी के पूर्व विधायक राहुल शर्मा सहित अन्य नेता उपेन्द्र कुशवाहा के साथ कार्यक्रम में दिखे। वहीं, ललन सिंह ने भी स्वागत समारोह से अपने आपको दूरी बना ली। बताया जा रहा है कि ललन सिंह पटना में हैं।

वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडेय की राय:

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडेय का मानना है कि जदयू के पदधारी नेताओं की अपनी ताकत होने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। अंततः पार्टी की ताकत नीतीश कुमार ही हैं और उनकी मर्जी से ही पदधारी नेताओं को चलनी होगी, यह तय है।

वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडेय
Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

Recent Posts

पीएमओ का नाम बदला,‘सेवा तीर्थ’कहलाएगा

Bharat varta Desk प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदल गया है. अब इसे ‘सेवा तीर्थ’ के… Read More

5 hours ago

नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल : पटना में झलकी भारत की सांस्कृतिक-बौद्धिक विरासत

पटना, भारत वार्ता संवाददाता : बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर साहित्य, संस्कृति और… Read More

1 day ago

प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे

Bharat varta Desk गया के विधायक प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे। ‌… Read More

1 day ago

बिहार में पांच आईएएस अधिकारी बदले, मिहिर कुमार सिंह होंगे नए विकास आयुक्त

Bharat varta Desk बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश… Read More

2 days ago

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका: पीके मिश्रा

-रायबरेली रेल कोच कारखाना के जीएम ने पूर्व रेलवे के इतिहास की दी महत्वपूर्ण जानकारी-हावड़ा… Read More

3 days ago

30 नवंबर 2025 को पटना में ज्ञान और साहित्य का महोत्सव – नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल

पटना। बिहार की ऐतिहासिक और साहित्यिक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य… Read More

4 days ago