रोज 20 मिनट नया सोंचो, बदल जाएगा जीवन, पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मोदी का संबोधन
NewsNLive Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर के पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मोनोक्रिस्टलाइन सोलर फोटो वोल्टाइक पैनल के 45 मेगावाट के उत्पादन संयंत्र का ऑनलाइन उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा, आज देश अपने कार्बन फुटप्रिंट को 30-35% तक कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास है कि इस दशक में अपनी ऊर्जा जरूरतों में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को 4 गुणा तक बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा, आप सभी को बहुत बहुत बधाई। आज जो साथी ग्रेजुएट हो रहे हैं, उनको और उनके माता-पिता को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा, एक समय था जब लोग सवाल उठाते थे कि इस तरह की यूनिवर्सिटी कितना आगे बढ़ पाएगी। लेकिन यहां के विद्यार्थियों ने, प्रोफेसर्स ने और यहां से निकले प्रोफेशनल्स ने इन सारे सवालों के जवाब दे दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक ऐसे समय में स्नातक होना जब दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है,ये कोई आसान बात नहीं है। लेकिन आपकी क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। प्रोब्लम्स क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आपका उद्देश्य क्या है, आपकी प्राथमिकता क्या है और आपका प्लान क्या है?
‘सफल व्यक्तियों को भी समस्याएं होती हैं’
प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि सफल व्यक्तियों के पास समस्याएं नहीं होतीं, लेकिन जो चुनौतियों को स्वीकार करता है, उनका मुकाबला करता है, उन्हें हराता है, समस्याओं का समाधान करता है, वो सफल होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आप देखिए जीवन में वही लोग सफल होते है, वही लोग कुछ कर दिखाते है जिनके जीवन में सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी का भाव होता है। विफल वो होते है जो सेंस ऑफ बर्डन में जीते है। सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी का भाव व्यक्ति के जीवन में सेंस ऑफ अपॉर्चुनिटी को भी जन्म देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर दिन 20 मिनट नया सोचिए.। साल भर में कुल 120 घंटे नया सोचेंगे। देखिएगा आपका जीवन बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि 2015 से लेकर 2019 तक वे लगातार स्वच्छता और सफाई पर चिंतन किया और लोगों के सामने विचार रखे ‘मन की बात’ में। उसे बार-बार दोहराया, जिसका परिणाम है कि स्वछता आंदोलन का रूप ले चुका है।