दलितों की उपेक्षा को लेकर भाजपा का राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन
13 सूत्री मांगों को लेकर राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र
रांची: अभी तो यह अंगड़ाई है, बाकी अभी लड़ाई है। जब राज्य के 50 लाख अनुसूचित समाज के लोग अपने हक और अधिकार के लिए एक जुट हो जाएंगे तो रांची के मोरहाबादी मैदान और होटवार जेल भी राज्य सरकार के लोए छोटा पड़ जाएगा। उक्त बातें चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने कही। वे मंगलवार को राजभवन के समक्ष राज्य में दलितों की उपेक्षा, शोषण, ठंढ एवं भूख से लगातार हो रही मौत एवं अत्याचार के खिलाफ राजभवन के समक्ष आयोजित धरना में लोगों को संबोधित कर रहे थे। मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य में 12.9 प्रतिशत आबादी अनुसूचित समाज की है और जब से महागठबंधन वाली हेमंत सरकार का गठन हुआ है तब से दलितों पर अत्याचार की घटना बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि बोकारो जिला के कसमार में भूखल घासी की भूख से मौत हो गई। लेकिन सरकार सिर्फ आश्वाशन देती रही। मदद के नाम पर एक रुपया भी पीड़ित परिवार को नही दिया गया। वहीं भूखल घासी के परिवार के दो सदस्यों की मौत भी भूखल घासी की मौत के मात्र छः महीने के अंदर हो गयी। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुसूचित जाति के लोगों को सरकार जाति, आय एवं आवासीय प्रमाणपत्र निर्गत नही कर रही है। उन्होंने मांग किया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति के लोगों को जाति, आय एव आवासीय प्रमाण पत्र एक तय समय के अंदर बनाने की प्रकिया अविलंब लागू करे। वहीं राज्य भर के सफाई कर्मियों को राज्य सरकार सातवां वेतनमान के साथ नियमित करे, विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुसूचित समाज के कर्मचारियों के पदोन्नति में आ रही विसंगतियों को दूर करे। उन्होंने रक़्ज्य की वर्तमान स्थिति पर कहा कि हेमंत सरकार के राज में हमारी माँ, बहन और बेटी असुरक्षित है। आये दिन उनके साथ कुकृत्य हो रही है और पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बनी हुई है। मौके पर हटिया विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था बिगड़ गयी है। एक बलात्कार की घटना का उद्भेदन करने में पुलिस को हफ्ते लग रहे है और राज्य सरकार के तरफ से घटना के विषय मे कोई जिम्मेदारी नही ली जा रही है। कार्यक्रम के अंत मे पांच पदाधिकारियों का एक दल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा।