पॉलिटिक्स

मोकामा के जिस दरवाजे पर वाजपेयी और नीतीश कुमार अनेकों बार गए, उस दरवाजे पर चुनाव का टिकट खुद चलकर गया

NewsNLiveDesk : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने प्रथम चरण के अपने प्रत्याशियों को सिम्बल दे कर मैदान में उतार दिया है। जदयू ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में पटना के बहुचर्चित मोकामा विधानसभा से नए चेहरे राजीव लोचन को टिकट देकर चौंका दिया है। राजीव लोचन नारायण सिंह उर्फ अशोक नारायण इस बार के चुनाव में मोकामा में बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे। पिछले तीन दशक से लगातार मोकामा की जनता किसी न किसी बाहुबली के ही हाथों में अपना नेतृत्व सौंपती आ रही है। बात स्व. दिलीप सिंह की हो, सूरजभान सिंह की हो या वर्तमान विधायक अनंत सिंह की हो, ये सभी जरायम की दुनिया का बेताल बादशाह रहे हैं। सभी प्रमुख पार्टियां भी हर बार बाहुबलियों को ही मोकामा के चुनावी अखाड़े में उतरते रही है। हालांकि पिछले चुनाव में जदयू ने अपनी ही पार्टी के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को पार्टी से निकाल नए प्रयोग के तौर पर विधान पार्षद नीरज कुमार को टिकट दिया था। अनंत सिंह ने अपने निकतम प्रतिद्वंद्वी नीरज कुमार को हरा कर चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए। इस बार के चुनाव में एनडीए गठबंधन की ओर से जदयू ने राजीव लोचन जैसे नए चेहरे को प्रत्याशी बना सभी को चौंका दिया है।

मोकामा निवासी राजीव लोचन के पिता स्व. वेंकटेश नारायण सिंह क्षेत्र में काफी चर्चित रहे हैं। वे जनसंघ से जुड़े रहे थे। लोग उन्हें बिनो बाबू के नाम से जानते थे। वेंकटेश नारायण सिंह उर्फ बिनो बाबू पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी एवं विश्वस्त थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने मोकामा आने पर बीनो बाबू के यहां विश्राम भी किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी दोनों के बीच अक्सर मुलाकात होती रही थी।

नीतीश कुमार लगातार वर्ष 1989 से 2004 तक बाढ़ निवाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतते रहे थे। 1989 में जब नीतीश कुमार पहली बार जब बाढ़ लोकसभा से चुनाव लड़े थे और जीते थे, तब वे ‘जनता दल’ से चुनाव लड़े और ‘चक्र’ चुनाव चिन्ह था। उस समय उन्होंने उस दौर के बड़े नेता कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे रामलखन सिंह यादव हराए थे। उस चुनाव में विश्वमोहन चौधरी भाजपा से लड़े रहे थे, जिस वजह से नीतीश कुमार की स्थिति कमजोर बन गई थी। लेकिन तब संघ पृष्ठभूमि के होने के बावजूद के भी वेंकटेश नारायण सिंह उर्फ बिनो बाबू ने नीतीश कुमार की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पूरे लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण कर उनके पक्ष में वोट की अपील किया था। तब से हर चुनाव में बिनो बाबू ने नीतीश कुमार का साथ दिया। यही कारण रहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी मोकामा आने पर बिनो बाबू से मुलाकात जरूर करते थे।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से नजदीकी सम्बंध रखने वाले पिता की छत्रछाया में पले बढ़े राजीव लोचन भी लगभग 40 साल से भाजपा में जुड़े हुए हैं। वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी भी रहे हैं। मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ राजीव लोचन को प्रत्याशी बनाये जाने से भले ही लोग चौंक गए होंगे, लेकिन राजनीतिक व जमीनी स्तर के जानकारों के बीच यह चर्चा है कि मोकामा के जिस दरवाजे पर अटल बिहारी वाजपेयी और नीतीश कुमार अनेकों बार गए, उस दरवाजे पर एनडीए का टिकट खुद चलकर गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मोकमा के मतदाता बाहुबली को ही चुनती है या नए चेहरे के तौर पर राजीव लोचन को।

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

Recent Posts

पीएमओ का नाम बदला,‘सेवा तीर्थ’कहलाएगा

Bharat varta Desk प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदल गया है. अब इसे ‘सेवा तीर्थ’ के… Read More

21 hours ago

नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल : पटना में झलकी भारत की सांस्कृतिक-बौद्धिक विरासत

पटना, भारत वार्ता संवाददाता : बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर साहित्य, संस्कृति और… Read More

2 days ago

प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे

Bharat varta Desk गया के विधायक प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे। ‌… Read More

2 days ago

बिहार में पांच आईएएस अधिकारी बदले, मिहिर कुमार सिंह होंगे नए विकास आयुक्त

Bharat varta Desk बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश… Read More

3 days ago

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका: पीके मिश्रा

-रायबरेली रेल कोच कारखाना के जीएम ने पूर्व रेलवे के इतिहास की दी महत्वपूर्ण जानकारी-हावड़ा… Read More

4 days ago

30 नवंबर 2025 को पटना में ज्ञान और साहित्य का महोत्सव – नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल

पटना। बिहार की ऐतिहासिक और साहित्यिक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य… Read More

5 days ago