मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुकों को दिये गये 52 करोड़ रुपये

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  • उपभोक्ता बिहार से उद्यमी बिहार बनाने के लिए करें काम : उद्योग मंत्री

पटना : मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के 1300 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि के भुगतान तथा सफल उद्यम के आवश्यक प्रक्रियाओं की जानकारी देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ज्ञान भवन, पटना में किया गया जिसमें प्रदेश के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने सभी लाभुकों को चार-चार लाख रूपये की पहली किस्त की राशि के डिजिटल भुगतान की स्वीकृति दी और दस लाभुकों को सांकेतिक रूप से चेक प्रदान किया गया।

बेरोजगार नौकरी योजना के लाभुकों को संदेश देते हुए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि बेरोजगार व्यवसाय योजना के तहत 10 लाख रुपये की राशि में 5 लाख रुपये की राशि से 5 लाख रुपये का कर्ज लिया जा रहा है। कर्ज की राशि 84 किस्तों में वापस जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह आपकी अनूठी योजना है क्योंकि पूरे देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब दोनों सरकारों की ओर से ऋण और अनुदान दिया जा रहा है। सामान्यतया ऋण की राशि संभावित रूप से दी जाती है और अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। उन्होंने लाभुकों से कहा कि अपने उद्यम की सफलता के लिए सरकार से राशि का सही उपयोग और कड़ी मेहनत करें।

उनका कहना था कि किसी भी उद्योग की सफलता के लिए 10 हजार घंटे फार्मूले पर काम करना चाहिए। अपने उद्योग में जब आप 10 हजार घंटा लगाएंगे तो सफलता के द्वार आपके सिर चढ़कर बोलेंगे। संदीप पौण्डरीक ने कहा कि गुणवत्ता के साथ समझौता कभी न करें। उत्पादन के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली मशीन की खरीद और उच्च गुणवत्ता वाला रॉ माल हमेशा प्रयोग में लाएं। इससे आपके उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी रहेगी और भविष्य में उद्योग का आकार बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी उद्योग पहले सूक्ष्म होता है। फिर लघु और मध्यम आकार के होते हुए वृहद उद्योग में तबदील होता है। आपको सरकार से मिले 10 लाख रूपयों का बेहतर उपयोग करके 50 करोड़ से 100 करोड़ की कंपनी बनाने का सपना देखते हैं और उसी के होश से मेहनत करते हैं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं पर विश्वास किया है, महिलाओं पर विश्वास किया है। हमारा विश्वास है कि आप सब में अच्छा और सफल उद्यमी बनने की क्षमता है। सफल व्यवसाय और सफल उद्योग की स्थापना में 4-5 साल की समय लग जाता है। इसलिए धैर्य के साथ मेहनत करते रहें । हमसब बिहार के हैं। मेहनत हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। इमानदारी हमारे खून में है। आगे बढ़ने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं, संघर्ष करते हैं और फिर सफल होकर अपनी अलग पहचान बनाते हैं। पूरी दुनिया में बिहार के हजारों लोग अपनी मेहनत के बल पर अपनी अलग पहचान बनाकर देश-दुनिया में बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं। आप लोग भी उनमें से एक होने वाले हैं। छोटा उद्यम स्थापित करके अभी आप 5-10 लोगों को रोजगार देंगे। बाद में आपका उद्योग बड़ा हो जाएगा तो सैकड़ों और हजारो लोगों को रोजगार देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार को उपभोक्ता बिहार से उद्यमी बिहार बनाना है। हाल ही में एक मखाना उद्योग का मैनें उद्घाटन किया और कुछ महीनों में ही उसका एग्रीमेन्ट वॉलमार्ट से हो गया। इस तरह बिहार का मखाना अब पूरी दुनिया में बिकेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में उद्यमिता को बढ़ाने के लिए इस योजना को बनाने में दूर दृष्टि का परिचय दिया है। इस योजना के तहत 29828 लाभुकों को 2000 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है। आज फिर से 52 करोड़ की राशि दी जा रही है। फिर हम बैंकों के माध्यम से भी उद्यमियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऋण कोई रसगुल्ला नहीं है। इसे मिठाई की तरह नहीं खाना है। यह ऋण उद्योग रूपी पौधा लगाने के लिए दिया गया है जिसे हमें अपनी मेहनत से सींचना है और बड़ा करना है। इसको लगातार बढ़ाना और आसमान की ऊँचाईयों तक पहुँचाना है। हम सबको गौरवशाली बिहार बनाना है।

उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का हर लाभुक अगले 4-5 सालों में उद्योग विभाग का ब्रांड एम्बेस्डर बनेगा। बिहार सरकार का सभी उद्यमियों पर पूरा भरोसा है।

कार्यशाला में चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ० राणा सिंह ने उद्यमियों को मार्केटिंग के गुर बताये। भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने उद्यमियों को बैंकिंग से जुड़ी जानकारी दी। जबकि वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने उद्यमियों को जी.एस.टी. और इसके फायदों के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के छः लाभुकों ने नये उद्यमियों के साथ अपने अनुभव साझा किये। अरूण प्रकाश ने ऑर्गेनिक साबुन और शैम्पु के क्षेत्र में किये गये काम को बताया। युवा उद्यमी मित्ताली गुप्ता ने बताया कि उन्होंने मित्ताली इन्डस्ट्रीज की स्थापना करके सेनेटरी पैड और नेपकीन बनाने का काम प्रारंभ किया है। उनका कारोबार हर महीने 2-3 लाख रूपये तक का हो गया है।

कार्यक्रम में उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने सभी उपक्रमों का विस्तार से नौकरी योजना की घोषणा और सफलता की जानकारी दी। तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय और उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, आलोक कुमार समेत सभी अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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