
भागलपुर से सत्य प्रकाश की रिपोर्ट : भागलपुर के दोनों जेलों में शहाबुद्दीन बारी-बारी से रहे थे. लेकिन भागलपुर के जेल में शहाबुद्दीन की कैदियों के बीच वैसी हैकड़ी नहीं चली जैसी सिवान के जेल में हुआ करती थी. मैं उन दिनों भागलपुर के केंद्रीय और विशेष केंद्रीय कराओ में अक्सर रिपोर्टिंग के लिए जाया करता था. मुझे याद है जब भागलपुर कैम्प जेल में हत्या की सजा काट रहे नदियामा (कहलगांव) के कुख्यात सजायाफ्ता कैदी नवल सिंह से बाहुबली शहाबुद्दीन की ठन गई थी तब शाहबुद्दीन डाउन हो गए थे.
क्या था मामला
बात 2015 की है. जब चर्चित तेजाब कांड में सजा काट रहे शहाबुद्दीन को चुनाव को लेकर सिवान से भागलपुर कैम्प जेल में शिफ्ट किया गया था. बाहुबली को जेल में सभी सुविधाएं मिली हुई थी. उनके साथ मोबाइल भी रहता था. इसकी शिकायत जब जिला प्रशासन को मिली थी तो शाहबुद्दीन के वार्ड संख्या तीन में छापेमारी करवायी गयी. उस समय जो मुझे जेल के भीतर से बंद कर जानकारी मिली थी उसके मुताबिक मोबाइल जब्त ना हो जाये, इससे पहले शहाबुद्दीन ने अपने वार्ड से सटे वार्ड संख्या एक में सजा काट रहे कुख्यात नवल सिंह के वार्ड में मोबाइल फेंक दिया. नवल ने बड़ी ही सावधानी से मोबाइल को अपने ही वार्ड में छिपा लिया. शहाबुद्दीन के वार्ड में कुछ नहीं मिलने पर छापेमारी दल वापस लौट गया. इसके बाद शाहबुद्दीन ने अपना मोबाइल नवल सिंह से मांगा, जिसे वह देने से साफ इनकार कर दिया. इस बात को लेकर दोनों में काफी कहासुनी हो गई. इतना ही नहीं दोनों ने एक दूसरे को मरवा डालने की भी धमकी दे डाली. हंगामा जब आगे और बढ़ गया जेल प्रशासन ने दोनों को समझा-बुझाकर मामला को शांत करवाया. जेल के अधिकारियों ने शहाबुद्दीन को कुख्यात नवल सिंह सेना उलझने की सलाह दी. इस सलाह को मानकर शाहबुद्दीन चुप रह गए.
सोचा कैम्प जेल में भी रह लूं
बाहुबली 2006 में भी भागलपुर सेंट्रल जेल में रह चुके थे. तब उन्हें हेलिकॉप्टर से भागलपुर जेल लाया गया था. इस बार (वर्ष 2015) में गाड़ियों के काफिले के साथ सिवान से भागलपुर कैम्प जेल लाया गया था. पत्रकारों बातचीत के दौरान शहाबुद्दीन ने बड़ा ही अकड़ कर कहा था कि सेंट्रल जेल में तो रह लिया था, सोचा अब कैम्प जेल में भी रह लूं. उस समय शाहबुद्दीन को जेल प्रशासन ने बड़ा ही स्वागत करते हुए जेल में प्रवेश कराया. जब तक वे जेल में रहे तब तक जब प्रशासन उनकी आवभगत में लगा रहा. जेल से छूटकर जब वे सिवान गए तो बड़े ही शाही अंदाज में, अपने ही शर्तो पर गए गाड़ियों की काफिले के साथ गए, इस दौरान जेल प्रशासन का शहाबुद्दीन के प्रति जो घुटना टेक अंदाज था उसकी बड़ी चर्चा हुई थी.
जेल में दरबार लगाया
पूर्व सांसद और बाहुबली शहाबुद्दीन पर जेल में दरबार सजाने के भी आरोप उस समय लगते रहे. जब यह बात मीडिया में आने लगी तो सप्ताह में 1 दिन सोमवार को शहाबुद्दीन के लिए मुलाकाती का समय रखा गया. इसको लेकर जेल अधिकारियों को शहाबुद्दीन की नाराजगी भी झेलनी पड़ी.
मुझे दी धमकी
भागलपुर कैम्प जेल में बंद बाहुबली शहाबुद्दीन के कारनामों पर मैं लगातार समाचार लिखता रहा. उन्होंने कुछ लोगों से मुझे खबर भी करवाया. एक दिन वे जेल गेट पर अपने अंदाज में लोगों से मिल रहे थे. वहां मैं भी पहुंचा. मुझे देखकर शहाबुद्दीन ने कहा कि आप यहां क्यों आए हो और बड़ा अनाप-शनाप लिख रहे हो. इस पर मैंने कहा कि समाचार लिखना एक पत्रकार का धर्म होता है, ड्यूटी होती है. इस पर शहाबुद्दीन ने कहा कि आप यहां से जाते हैं कि मुझे अपने लोगों से कहना पड़ेगा. शहाबुद्दीन ने और भी गंभीर लक्ष्य में धमकी दिया. उसके बाद जेल के कुछ अधिकारी मेरे पास आए और उन्होंने मुझे वहां से जाने को कहा. एक अधिकारी ने मुझे अपनेपन से समझाया- नौकरी करते हैं लेकिन आपके बाल बच्चे और बीवी भी तो हैं. सबके लिए जीना है. नौकरी तो कहीं भी कर लीजिएगा. क्यों ऐसे लोगों से पंगा लेते हैं.
शहाबुद्दीन ने बाद में अपने आदमियों से पिटवाने की धमकी दी थी और तुरंत जेल परिसर छोड़ने को कहा था. बात बढ़ता देख बीचबचाव के लिए जेल प्रशासन को सामने आना पड़ा था. किसी तरह मामला शांत हुआ था.
पटना से वैद्या बुलाई दा, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा सोनपुर : हरिहर क्षेत्र… Read More
Bharat varta Desk प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदल गया है. अब इसे ‘सेवा तीर्थ’ के… Read More
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर साहित्य, संस्कृति और… Read More
Bharat varta Desk गया के विधायक प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे। … Read More
Bharat varta Desk बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश… Read More
-रायबरेली रेल कोच कारखाना के जीएम ने पूर्व रेलवे के इतिहास की दी महत्वपूर्ण जानकारी-हावड़ा… Read More