बिहार के दो लाख बुनकरों को मिलेगा काम, उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने किया खादी और हस्तकरघा पर आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन
Bharat Varta Desk: खादी और हस्तकरघा के माध्यम से बिहार के 2 लाख बुनकरों को रोजगार मिलेगा। बिहार राज्य बुनकर कल्याण समिति के पूर्व सदस्य हाजी अलीम अंसारी के सहयोग से राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। बिहार की राजधानी पटना में आज इसको लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें भागलपुर, बांका, गया, आरा, दरभंगा, मधुबनी समेत राज्य के कई हिस्सों के बुनकर शामिल हुए। अलीम अंसारी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन सूबे के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि खादी और हस्तकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव उपाय करेगी ताकि बिहार से पलायन करके बाहर गए बुनकर फिर से वापस लौट सकें। उन्होंने कहा कि कपड़ा, चमड़ा और ग्रामोद्योग के मामले में बिहार पूरी तरह आत्मनिर्भर होगा। मंत्री ने कहा कि वह बिहार के उद्योग विभाग को देश में नंबर वन बनाएंगे।
सरकारी पोशाक के कपड़े बुनकरों से लिए जाएं- अलीम अंसारी
इस मौके पर संगोष्ठी के आयोजक अलीम अंसारी ने कहा कि खादी, हस्तकरघा और बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि सरकारी अस्पतालों में प्रयुक्त होने वाले सभी तरह के चादर, नर्सों के पोशाक और अन्य कपड़े बुनकरों के द्वारा बनाए लिए जाएं। स्कूलों में पोशाक योजना के लिए बुनकरों द्वारा तैयार कपड़ों का इस्तेमाल हो। पुलिस की वर्दी बुनकर तैयार करें। अलीम अंसारी ने सूत बैंक की स्थापना की मांग की ताकि बुनकरों को सस्ते दर पर धागे उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि खादी को बढ़ावा देने के लिए यह भी जरूरी है कि सरकार बिहार के सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षदों को हर साल 25-25 हजार का कूपन देकर यह सुनिश्चित करे कि वे इतनी राशि का कपड़ा खादी मॉल से खरीदें। अलीम अंसारी ने सरकार से अनुरोध किया कि बुनकरों को 4 फ़ीसदी ब्याज पर पूंजी उपलब्ध कराएं। पूजी के बिना बुनकर महाजनों के चंगुल में फंसे रहते हैं। अलीम अंसारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा 20 लाख लोगों को रोजगार दिए जाने के संकल्प की सराहना की।
सोलर का इस्तेमाल हो- हनीफ मेवाती
इस मौके पर खादी ग्रामोद्योग विभाग के निदेशक मोहम्मद हनीफ मेवाती ने कहा कि आयोग में धागा कातने में सोलर का उपयोग हो रहा है जिसका इस्तेमाल बुनकर भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथ से काते गए धागे से बने कपड़े शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। संगोष्ठी का संचालन मोहम्मद उस्मान ने किया।