प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में बताया-नदियों को क्यों कहते हैं मां
Bharat varta desk:
81वीं बार देश को मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को समझाया कि क्यों हम नदियों को मां कहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारे यहाँ कहा गया है -“पिबन्ति नद्यः, स्वय-मेव नाम्भः ” अर्थात नदियाँ अपना जल खुद नहीं पीती, बल्कि परोपकार के लिए देती हैं. हमारे लिए नदियाँ एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है और तभी तो, तभी तो हम, नदियों को माँ कहते हैं। हमारे कितने ही पर्व हो, त्यौहार हो, उत्सव हो, उमंग हो, ये सभी हमारी इन माताओं की गोद में ही तो होते हैं। ‘प्रधानमंत्री ने आदिकाल से चले आ रहे नदियों के महत्व को रेखांकित किया और भारतीय जीवन में उनकी भूमिका की चर्चा की।
गांधी के स्वच्छता का सपना
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में स्वच्छता के महत्व का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस महात्मा गाँधी ने स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया थ। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”कभी भी छोटी बात को छोटी चीज को, छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए।
युवाओं को खादी अपनाने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर खादी को बढ़ावा देने के लिए युवाओं का आव्हान किया। प्रधानमंत्री ने कहा,जैसे बापू ने स्वच्छता को स्वाधीनता से जोड़ा था वैसे ही खादी को आजादी की पहचान बना दिया था। आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आजादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था, आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है। आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और उसकी मांग भी बढ़ी है।
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